नई दिल्ली, 13 फरवरी, 2012 (कैथन्यूज़) सिस्टर वाल्सा जोन की हत्या के संबंध में तथ्य
खोजने वाली चार सदस्यीय टीम ने झारखंड सरकार से माँग की है कि वह सीबीआइ जाँच के आदेश
जारी करे। दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलने में संयुक्त रूप से जारी वक्तव्य
में चार सदस्यीय दल का नेतृत्व कर रहे जोन दयाल ने कहा, "हम झारखंड सरकार से आग्रह करते
हैं कि वह सिस्टर वाल्सा जोन की हत्या की जाँच सेन्ट्रल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टीगेशन(सीबीआइ)से
कराने का आदेश दे। अपनी रिपोर्ट में चार सदस्यीय दल ने कहा कि सिस्टर वाल्सा जोन कोयला
खान के विस्तार के लिये आदिवासियों की ज़मीन हस्तगत करने के मार्ग में कोल माफिया की
योजना के लिये बाधा थी। जोन दयाल ने कहा, "चूँकि झारखंड सरकार द्वारा लीज़ में खान
के लिये ज़मीन उपलब्ध करायी गयी थी इसलिये यह महत्त्वपूर्ण है कि सरकार न केवल हत्या
के मूल कारणों का पता लगाये पर उन परिस्थितियों की भी गहन छानबीन करे जिसके कारण हत्या
को अंजाम दिया गया।" उन्होंने हत्या की खोजबीन पर ‘लापरवाह’ और ‘पक्षपातपूर्ण’ होने
का आरोप लगाया है। चार सदस्यीय समिति में सीबीसीआइ के महिला विभाग की महासचिव सिस्टर
हेलेन सल्दान्हा, सुप्रीम कोर्ट वकील सिस्टीर मेरी स्कारिया और फोटोग्राफ़र और रिपोर्टर
जोन मैथ्यू और जोन दयाल शामिल थे। चारों सदस्यों ने 6 जनवरी2012 को झारखंड के पाकुड़
जिले के पचवारी गाँव का दौरा किया जहाँ 15 नवम्बर, 2011 को सिस्टर वाल्सा की बेरहमी से
हत्या कर दी गयी थी। विदित हो कि 53 वर्षीय वाल्सा ‘सिस्टर्स ऑफ चैरिटी ऑफ ज़ीजस
एंड मेरी’ धर्मसमाज की एक सक्रिय सदस्या थी जिन्होंने कोयला कम्पनी ‘पानेम’ के ख़िलाफ़
आदिवासियों को संगठित किया था ताकि उनकी ज़मीन के बदले में उन्हें उचित मुआवज़ा मिले
और पुनर्वास की उचित व्यवस्था हो। सिस्टर सलदान्हा ने कहा, "स्थानीय लोगों को नन की
हत्या के लिये भड़काया गया।"अब तक सात लोगों को हत्या के मामले में गिरफ़्तार किया गया
है। उधर ऑल इंडिया कैथोलिक यूनियन एआइसीयू) ने में सीबीआइ से जाँच का समर्थन किया
है।