2012-02-07 12:57:18

रोमः यौन पीड़ितों को सुनना तथा नागर अधिकारियों के साथ सहयोग करना अनिवार्य, कार्डिनल लेवादा


रोम, 07 फरवरी सन् 2012 (सेदोक): रोम में, सोमवार से गुरुवार तक "चंगाई और नवीनीकरण" विषय पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर सोमवार को परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त सम्बन्धी परिषद के अध्यक्ष कार्डिनल विलियम लेवादा ने कहा कि धर्माध्यक्षों एवं पुरोहितों को यौन पीड़ितों को सुनना चाहिये और साथ ही नागर अधिकारियों के साथ भी सहयोग करना चाहिये।

कुछेक पुरोहितों द्वारा बच्चों के विरुद्ध यौन दुराचार की घटनाओं के प्रति कार्डिनल लोवादा ने गहन चिन्ता व्यक्त की तथा कहा कि अपराधियों के विरुद्ध कलीसियाई संहिता के अधीन अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ साथ नागर अधिकारियों के साथ सहयोग करना भी अनिवार्य है।

उन्होंने कहा कि यदि किसी पुरोहित को यौन दुराचार का अपराधी पाया जाता है तो कलीसियाई विधान संहिता के तहत दण्डित करने के साथ साथ उसे नागरिक कानूनों के तहत पुलिस के सिपुर्द किया जाना भी धर्माध्यक्षों का दायित्व है।

यौन दुराचार के प्रकरणों पर परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्मसिद्धान्त परिषद की कार्यवाही के बारे में उन्होंने बताया, "पीड़ितों को कैसी सहायता एवं चंगाई प्रदान की जाये, बच्चों और युवाओं की सुरक्षा हेतु कौनसे उपाय किये जायें आदि के बारे में परिषद ने खुद़ अपने नियम बनाये हैं।" उन्होंने कहा कि परिषद ने सम्पूर्ण विश्व के धर्माध्यक्षों को आदेश दिये हैं कि पुरोहितों को प्रशिक्षण के लिये प्रवेश देते समय तथा प्रशिक्षण के दौरान वे उनके नैतिक आचार व्यवहार पर अधिक ध्यान दें तथा उन्हीं अभ्यर्थियों को गुरुकुलों में प्रवेश दें जो नैतिक मूल्यों को अहमियत देते हैं।









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