2012-02-04 15:11:47

‘यौन दुराचार से चंगाई व नवीकरण’ पर एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार


रोम, 4 फरवरी, 2012(वीआर, वर्ल्ड) याजकीय यौन दुराचार की समस्या के समाधान के लिये रोम के परमधर्मपीठीय युनिवर्सिटी ग्रेगोरियाना में एक विशेष अंतरराष्ट्रीय सभा बुलायी गयी है जिसमें 100 धर्माध्यक्ष और करीब 30 धर्मसमाजी भाग लेंगे।

6 से 9 फरवरी, 2012 तक चलने वाले चार-दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन पोन्तिफिकल ग्रेगोरियन यूनिवर्सिटी के द्वारा किया गया है जिसे वाटिकन सेक्रेटेरियेट ऑफ स्टेट और कूरियल ऑफिस का समर्थन प्राप्त है।

3 फरवरी, शुक्रवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में दिये गये प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इस विचार गोष्ठी में पहली बार विश्व के 100 धर्माध्यक्ष और 30 धर्मसमाज के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे और यौन दुराचार के समस्या के समाधान पर विचार-विमर्श करेंगे।

समाचार के अनुसार इस संगोष्ठी में यौन-दुराचार के शिकार सदस्य भी उपस्थित होंगे।

सभा के आयोजकों ने प्रतिनिधियों को सलाह दी है कि वे यौन दुराचार से पीड़ित सदस्यों से व्यक्तिगत रूप से मिलें और उनकी बातों को समझने का प्रयास करें।

उन्होंने बतलाया कि यह ज़रूरी है लोग पीड़ितों की व्यथा समझें जिन्होंने वर्षों तक बिना मान्यता के अपने दुःख-दर्द को छिपाये रखा।

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार आयरिश महिला मरि कोल्लिन संगोष्ठी में भाग लेनेवाले प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी व्यथा-कथा बयान करेंगी।

उनका मानना है कि वे यौन दुराचार करने वाले पुरोहित से सिर्फ़ क्षमा की आशा नहीं करतीं पर वे चाहती हैं कि कलीसिया के कार्डिनल, धर्माध्यक्ष और पुरोहित इस बात का जवाब दें कि क्यों उन्होंने इतने लम्बे समय तक कलीसिया की मर्यादा की रक्षा को, उनके अपने संरक्षण में रहने वाले बच्चों की सुरक्षा से ज़्यादा महत्व दिया।

संगोष्ठी के दौरान मंगलवार 7 फरवरी एक अति मह्त्वपूर्ण दिन होगा जब सातों विभिन्न दल के सदस्य अपनी गलतियाँ स्वीकार करेंगे और यौन दुराचार पीड़ितों से क्षमा की याचना करेंगे।

जर्मनी के म्युनिख में अवस्थित ई-लर्निंग सेंटर ने इस बात का आश्वासन दिया है कि यह यौन-दुराचार के सभी अनुभवों और समाधानों को लोगों के कल्याणार्थ इंटरनेट में उपलब्ध करायेगी।

वाटिकन प्रवक्ता जेस्विट फादर फेदरिको लोमबार्दी ने इस बात की जानकारी दी है कि संत पापा इस सभा को अपने संदेश भेजेंगे।

फादर लोमबार्दी ने संवाददाताओं को बतलाया कि यह सेमिनार अति महत्वपूर्ण है उन देशों या संस्कृति के लिये जिन्हें अबतक इस तरह की समस्याओं का सामना नहीं किया है।

उनकी आशा है कि यह सभा समस्या के समाधान की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम साबित होगा।





















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