नाईजीरिया में हिंसा से बचने के लिए काथलिकों द्वारा पलायन
अबुजा नाईजीरिया 27 जनवरी 2012 (सीएनए) अफ्रीकी राष्ट्र नाईजीरिया के उत्तरी नगरों
में इस्लामी सशस्त्र समूह " बोको हराम " के सतत आक्रमणों के कारण लगभग 35,000 लोग अपने
घरों से पलायन करने के लिए विवश हुए हैं। इन पलायन करनेवालों में बड़ी संख्या काथलिकों
की है। इन लोगों की रिपोर्ट के अनुसार गिरजाघरों को नष्ट कर दिया गया है। एक सूत्र ने
24 जनवरी को एड टू द चर्च इन नीड को बताया कि भय व्याप्त है, सुरक्षा के लिए लोग अपना
सबकुछ छोड़कर गये हैं क्योंकि वे नहीं जानते हैं कि कब हिंसा भड़क उठेगी। 20 जनवरी
को बोको हराम समूह ने बारनो राज्य के कानो शहर में किये गये हमलों में कम से कम 185 लोगों
की हत्या कर दी। सुनियोजित सिलसिलेवार हमलों के लिए विस्फोटकों से लदी कारों तथा आत्मघाती
हमलावरों ने पुलिस स्टेशनों को निशाना बनाया था। सुरक्षाबलों के यूनिफार्म पहने बंदूकचियों
ने सरकारी अधिकारियों को गोली मार दिया था। बाऊची राज्य के बाऊची शहर में तथा बारनो राज्य
के माईदिगुरी में चर्चों को भी नष्ट कर दिया गया है। जनवरी माह के आरम्भ में बोको हराम
के प्रवक्ता अबू काका ने ईसाईयों को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था कि वे क्षेत्र से पलायन
कर जायें। आंतरिक रूप से विस्थापित हुए लोग जोस शहर की ओर जा रहे हैं जो सुरक्षित माना
जाता है। नाईजीरिया की हाउसा भाषा में बोको हराम शब्द का अर्थ है पाश्चात्य शिक्षा
बुरी है। इस समूह ने 2009 में विरोध आरम्भ किये जाने से लेकर अबतक कम से कम 935 लोगों
की हत्या की है तथा ह्यूमन राइटस वाच की रिपोर्ट के अनुसार सन 2012 के आरम्भ से लेकर
अबतक 250 लोगों की हत्याएँ हो गयी है। नाईजीरिया के धर्माध्यक्षों ने सशस्त्र समूह
के कृत्यों की निन्दा की है। विश्लेषकों के अनुसार इस समूह का मनोरथ यह दर्शाना है कि
देश के ईसाई राष्ट्रपति गुडलक जोनाथान का प्रशासन देश चलाने में असमर्थ है।