2012-01-26 17:19:10

राष्ट्र निर्माण बड़े संयम और कुर्बानियों से होता है


नई दिल्ली 26 जनवरी 2012 (बीबीसी) भारत के 63 वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में 26 जनवरी को राजधानी दिल्ली के राजपथ पर सम्पन्न गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय सेना की सैन्य ताकत और सांस्कृतिक धरोहर का प्रदर्शन किया गया. राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने परेड की सलामी ली। इस अवसर पर मुख्य अतिथि थाईलैंड की प्रधानमंत्री यिंगलक शिनावात्रा थीं। परेड में 23 राज्यों , केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों की झांकियों के जरिए देश के विकास और ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक विरासत से जुड़े पहलुओं का प्रदर्शन किया ।
63वें गणतंत्र दिवस की पूर्वसंध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने कहा कि राष्ट्र का निर्माण बड़े संयम और कुर्बानियों से होता है। भारत जैसे विशाल देश के लिए फूट नहीं बल्कि एकता ही सही रास्ता है। देश की समस्याओं का समाधान बातचीत के माध्यम से होना चाहिए और इसमें हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है.
नकारात्मकता और अस्वीकार्यता एक गतिशील देश का रास्ता नहीं हो सकतीं यह कहते हुए उन्होंने उम्मीद जताई कि राष्ट्र-हित की भावना और राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर चर्चा होगी और अलग-अलग पक्षों के बीच समाधान निकलेगा. इससे देश में लोकतंत्र की जड़ें मज़बूत होगी.
राष्ट्रपति पाटिल ने स्वास्थ्य सेवाएं और शिक्षा को समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने पर बल देते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार पर ज़ोर दिया. उन्होंने महिलाओं को राष्ट्र की मुख्यधारा में लाने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण लिंग असमानता दूर कर एक मजबूत सामाजिक ढांचा तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा.








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