2012-01-21 13:50:58

अमेरिकी मूलवासी समुदाय की प्रथम संत


वाशिंगटन, 22 जनवरी,2012 (सीएनए) अमेरिकी मूलवासियों ने धन्य कतेरी तेकाकविथा कं संत बनाये जाने के लिये अनुमोदित किये जाने पर अपार हर्ष व्यक्त किया है।

उक्त बात की जानकारी देते हुए धन्य कातेरी के संत प्रकरण के लिये कार्यरत उप पोस्तुलेटर मोन्सिन्योर पौल ए. लेन्ज़ ने बताया कि धन्य कातेरी के संत बनाये जाने की स्वीकृति की ख़बर से अमेरिका और कनाडा में खुशी की लहर दौड़ गयी है। उन्होंने कहा, " लोगों में अपार उत्साह है।"

उन्होंने बताया कि अमेरिकी मूलवासियों में इस बात को लेकर खुशी है कि उनके अपने समुदाय से काथलिक कलीसिया ने एक को संत होने के लिये चुन लिया है।

मोन्सिन्योर लेन्ज़ ने ख़बर दी है कि अभी तक संत बनाये जाने के तिथि की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है पर अमेरिकी मूलवासी के कई समुदायों ने अपने रोम तीर्थयात्रा के लिये तैयारियाँ शुरु कर दी हैं।

उनका कहना है कि यह उनके लिये अपार गौरव की बात है कि उनके अपने समुदाय में से एक को काथलिक कलीसिया ने संत का दर्ज़ा देने के लिये चुन लिया है।

मोन्सिन्योर लेन्ज़ का मानना है कि जब संतघोषणा समारोह की तिथि की घोषणा होगी तो इसे अमेरिकी कलीसिया और मीडिया जगतउचित स्थान देगी।

विदित हो की धन्य कातेरी तेकाकविथा का जन्म न्यूयॉर्क में सन् 1556 ईस्वी में हुई था। उसका भरण-पोषण काथलिक वातावरण में हुआ पर जब वह चार साल की थी उसी समय अनाथ हो गयी और चेचक के कारण उसके आँख की रोशनी चली गयी थी और चेहरा भी बदसूरत हो गय था।

जेस्विट पुरोहितों के सम्पर्क में आकर उन्होंने बपतिस्मा ग्रहण किया पर समुदाय के विरोध के कारण वह कनाडा भाग गयी जहाँ उसकी मृत्यु 24 वर्ष की आयु में हो गया। बताया जाता है कि उनकी मृत्यु पर उसके चेहरे के दाग मिट गये थे और वह बहुत सुन्दर लग रही थी।

सन् 1980 में उस प्रथम अमेरिकी मूलवासी धन्य होने का गौरव प्राप्त हुआ।

19 दिसंबर को संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने उनकी मध्यस्थता से हुए एक चमत्कार को अनुमोदित करने के साथ ही धन्य कातेरी के संत बनाये जाने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

चमत्कार में एक लड़के उसकी कोढ़ जैसी भयंकर बीमारी से उस समय चंगाई प्राप्त हुई जब उसके माता-पिता ने धन्य कातेरी की मध्यस्थता से प्रार्थना की।












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