2012-01-19 17:30:37

पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर अमरीका के धर्माध्यक्षों के लिए संत पापा का संदेश



वाटिकन सिटी 19 जनवरी 2012 (सेदोक, वीआर वर्ल्ड) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने अमरीका के 4 से 6 प्रांतों के अमरीकी धर्माध्यक्षों को पंचवर्षीय पारम्परिक मुलाकात की समाप्ति पर गुरूवार 19 जनवरी को उन्हें सामूहिक रूप से सम्बोधित किया। उन्होंने अमरीकी स्वतंत्रताओं में सबसे अधिक उल्लेखनीय, धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अमरीकी धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की क्योंकि राजनैतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में चरमपंथी धार्मिक उदासीनता की बढ़ती अभिव्यक्ति कलीसिया के सार्वजनिक नैतिक साक्ष्य के लिए महान खतरा उत्पन्न करती है।

संत पापा ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता को कम करने के लिए हाल की सांस्कृत्कि प्रवृत्ति के प्रयास न केवल मसीही विश्वास के लिए लेकिन स्वयं मानवता के लिए भी खतरा हैं। हर धर्म और संस्कृति के मूल में स्थित है नैतिक भलाई या कल्याण की जरूरत लेकिन आज इस नैतिक भलाई या कल्याण का गंभीर रूप से क्षरण हो रहा है।

अपने पूर्वाधिकारी संत पापा जोन पौल द्वितीय के कथन को उद्धृत करते हुए संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कहा कि जब कोई संस्कृति चरम रहस्य के पहलूओं को दबाने का प्रयास करती है तथा पारलौकिक सत्य के लिए अपने द्वार को बंद करती है तो यह निश्चित रूप से मानव प्राणी और समाज की प्रकृति के सामने निर्धन होती तथा सापेक्षवाद और तानाशाही का शिकार बनती है।

संत पापा ने कहा कि कलीसिया को सार्वजनिक स्थलों में अपनी भूमिका निभानी है, कलीसिया और राज्य का अलग अलग होना वैध है इसका अर्थ यह नहीं लिया जा सकता है कि कुछ मुद्दों पर कलीसिया मौन रहे या राज्य शामिल नहीं हो या देश के भविष्य को आकार देनेवाले मूल्यों पर समर्पित विश्वासियों की पुकार में राज्य शामिल नहीं हो या उन्हें शामिल नहीं करे।

संत पापा ने कहा कि अपनी नैतिक शिक्षा का कलीसिया द्वारा रक्षण, अंतःकरण के आधार पर विरोध व्यक्त करने का अधिकार, अंधे विश्वास पर आधारित नहीं है लेकिन प्राकृतिक विधान पर आधारित तार्किक परिप्रेक्ष्य है। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता को आराधना करने की स्वतंत्रता के रूप में कम किये जाने के खिलाफ चेतावनी दिया तथा कहा कि यह जरूरी है कि अमरीकी समाज में आज प्रशिक्षित, ज्ञानी, समर्पित काथलिक नेताओं की जरूरत है। जीवन के प्रति सम्मान, मानव प्रतिष्ठा की रक्षा तथा यथार्थ मानवाधिकारों के प्रसार से जुडे मुददों के लिए राजनैतिक जीवन में संलग्न समर्पित काथलिकों के साथ सम्पर्क बनाये रखने के लिए धर्माध्यक्षों द्वारा किये जा रहे प्रयासों की संत पापा ने सराहना की। उन्होंने कहा कि यहूदी ईसाई परम्परा पर आधारित नागर विधि व्यवस्था को संरक्षित रखने की जरूरत के प्रति बढ़ती जागरूकता तथा अनुभवों और दृढ़मत पर आधारित नयी पीढ़ी के काथलिकों द्वारा प्रस्तुत संकल्प अमरीकी समाज में कलीसिया की उपस्थिति और साक्ष्य को नवीकृत करने में निर्णायक भूमिका अदा करेगा।








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