वेल्लोर, 18 जनवरी सन् 2012 (कैथन्यूज़): कानपुर की अदालत में सुखमृत्यु दिये जाने की
अपील करनेवाली अल्का तिवारी का कैंसर से निधन हो गया है।
अल्का ने कानपुर की
अदालत से अपील की थी कि अदालत या तो उनका चिकित्सीय खर्चा उठाने के लिये सरकार को आदेश
दे अथवा उन्हें सुखमृत्यु की अनुमति दे। सोमवार को वेल्लोर स्थित क्रिस्टियन मेडिकल कॉलेज
के अस्पताल में अल्का ने अन्तिम सांस ली।
सन् 2002 से 21 वर्षीय अल्का ब्लड कैंसर
से पीड़ित थीं।
अल्का के भाई ब्रिजेश तिवारी ने बताया, "15 दिसम्बर को अल्का
पर एक सफल सर्जरी की गई थी तथा जनवरी के अन्त में उन्हें अस्पताल से रिहा किया जाना था।"
ब्रिजेश तिवारी के अनुसार, लगभग एक सप्ताह पहले अल्का के श्वास निकाय में पानी भर गया
तथा वह गम्भीर रूप से बीमार हो गई।
अल्का तिवारी की मदद को कई लोग आगे आये जिनमें
जानेमाने मानवाधिकार कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ एवं समाज सेवक शामिल थे।
केन्द्रीय
स्वास्थ्य मंत्री श्रीप्रकाश जयस्वाल ने उनकी चिकित्सा के लिये 16 लाख रुपये भी दिये
थे। सर्वप्रथम उन्हें नई दिल्ली के संजय गाँधी अस्पताल फिर ऑल इन्डिया इन्सटीट्यूट ऑफ
मेडिकल साईन्सस में भर्ती किया गया था जिसके बाद विगत अक्टूबर माह में वेल्लोर रिफर कर
दिया गया था।
ग़ौरतलब है कि काथलिक कलीसिया सुखमृत्यु को ईश्वरीय विधान के विरुद्ध
मानती है।