2012-01-14 12:17:40

अन्तरधार्मिक वार्ता के प्रसार के लिये विशेषज्ञों की सम्मेलन


बैंकॉक, 14 जनवरी, 2012 (एशियान्यूज़) एशिया के करीब 50 विद्वानों ने बैंकॉक में आयोजित तीन दिवसीय सेमिनार में एशिया की कुछ प्रमुख समस्याओं पर विचार-विमर्श किये।
एशियान्यूज़ के अनुसार विद्वानों ने जिन मुद्दों पर विचार-विमर्श किये उनमें हिंसा, आर्थिक मंदी, भ्रष्टाचार, सांस्कृतिक विवाद, पर्यावरण, संस्कृति और मूल्यों का ह्रास तथा सुप्रशासन आदि शामिल थे।
विचार गोष्ठी का आयोजन 11 से 13 जनवरी तक थाईलैंड के एक कैथोलिक संस्थान असम्पशन युनिवर्सिटी में हुआ। विचार गोष्ठी की विषयवस्तु थी "एशियन कल्चर इन डायलॉग" अर्थात् ‘एशियाई संस्कृतियों में वार्ता’। सेमिनार में युनिवर्सिटी के 20 विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया।
सभा के संयोजक गुवाहाटी के महाधर्माध्यक्ष थोमस मेनामपरामपिल ने कहा कि उनकी इच्छा थी कि वे एशियाई संस्कृति और परंपरा पर एशियाई विद्वानों से प्रेरणा और सूक्ष्म दृष्टि प्राप्त करें।
उन्होंने कहा, जब पूरा विश्व एक होता जा रहा और वैश्वीकृत होता जा रहा तो यह
उचित ही है कि विभिन्न संस्कृति, सभ्यता और धर्म के लोग एक साथ वार्ता करें, एक-दूसरे को सुनें ताकि उन्हें वे एक दूसरे से ज्ञान से लाभान्वित हो सकें।
सलेशियन महाधर्माध्यक्ष ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आदान-प्रदान से विभिन्न धर्मों के बीच तनाव कम होंगे पर आपसी तनावों के मूल कारणों को सूक्ष्मता से अध्ययन किये जाने की आवश्यकता है।
75 वर्षीय महाधर्माध्यक्ष ने एशियान्यूज़ को बताया कि उनकी आशा है कि विभिन्न परंपराओं के विद्वान आपस में विचार-विमर्श करना जारी रखेंगे।
सेमिनार में भारत के अलावा चीन, फिलीपीन्स, हॉंगकॉंग, कम्बोडिया, लेबानोन, तैवान, थाइलैंड, तुर्की, वियेतनाम और अमेरिका के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।









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