सन 2011 में पाँच मिलियन दर्शकों ने वाटिकन संग्रहालय को देखा
वाटिकन सिटी 12 जनवरी 2012 सीएनएस सन 2011 में वाटिकन संग्रहालय का दर्शन करनेवाले
दर्शकों या पर्यटकों की संख्या पहली बार 5 मिलियन से अधिक हो गयी। वाटिकन संग्रहालय के
निदेशक अंतोनियो पाऊलुच्ची ने कहा कि रिकार्ड तोड़ संख्या 5 मिलियन से पार होना गंभीर
समस्या के साथ ही साथ पहुँच और शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियाँ प्रस्तुत करती है। 10
मिलियन हाथ या पाँव प्रतिदिन संसार के सबसे प्रसिद्ध आर्कियोलाजिकल मोजायक या संग्रहालय
के बहुरंगी स्टोन फ्लोर एवं प्रतिमाओं का स्पर्श करते या कर सकते हैं। वाटिकन समाचारपत्र
लोजरवातोरे रोमानो के 10 जनवरी के अंक में प्रकाशित एक लेख में उन्होंने कहा कि सन 2011
में वाटिकन संग्रहालय का दर्शन करनेवाले दर्शकों या पर्यटकों की संख्या 5.1 मिलियन रही।
सन 2010 में संग्रहालय के आंकड़े के अनुसार 4.7 मिलियन दर्शक वाटिकन संग्रहालय देखे थे।
वाटिकन संग्रहालय ने सन 2011 में पर्यटकों के प्रवेश करने की अवधि में विस्तार किया था
तथा शुक्रवार रात्रि में भी संग्रहालय को खुला रखा जाता था। इसका परीक्षण सन 2009 में
किया गया था। वाटिकन संग्रहालय का प्रवेश शुल्क प्रतिव्यक्ति 15 यूरो या लगभग 19 डालर
है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ ही पाऊलुच्ची ने कहा कि सुरक्षा बनाये रखने का साथ
ही साथ यह सुनिश्चित करना कि कलात्मक वस्तुओं का दर्शक स्पर्श नहीं करें बढ़ती चिंता
है। उन्होंने कहा कि दर्शकों की संख्या में वृद्धि का अर्थ है कि अज्ञात लेकिन गंभीर
समस्याओं वाले लोगों का निश्चित रूप से सार्थक प्रतिशत है जो अपने या दूसरों के लिए खतरा
बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में जब लोगों के साथ सामना करते हैं तो
बहुत अच्छी तरह व्यवहार करनेवाले भी क्षति पहुँचा सकते हैं क्योंकि वे अपने साथ धूलकण
और नमी या आर्द्रता लाते हैं जिनका तस्वीरों, कलात्मक वस्तुओं या सतह की मोसाइक टाइल्स
पर नकारात्मक असर पड़ता है। संत पापा जुलियुस द्वितीय ने 16 वीं सदी के पूर्वार्ध
में वाटिकन संग्रहालय की स्थापना की थी। इस संग्रहालय में पुर्नजागरण काल के विश्व प्रसिद्ध
चित्रकारों और मूर्तिकारों द्वारा निर्मित विश्व प्रसिद्ध कलात्मक प्रतिमाएं, तस्वीरें
तथा वस्तुएं रखी गयी हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं चित्रकार रफायल द्वारा चित्रित चार कमरे
एवं मूर्तिकार, चित्रकार और वास्तुकार माइकेल आंजेलो द्वारा चित्रित सिस्टीन चैपल। अंतोनियो
पाऊलुच्ची ने दर्शकों की बढ़ती संख्या के बारे में कहा कि इससे ध्वनि स्तर के बढ़ने से
उत्पन्न होनेवाली चुनौती सहित दर्शकों के लिए दी जानेवाली सुविधाओं के स्तर को बेहतर
करने की चुनौती हमेशा बनी रहती है। विश्व के महान संग्रहालयों के सामने आनेवाली चुनौतियों
के बारे में सजग होकर समस्याओं का समाधान पाने के लिए हम नये प्रयोग करेंगे।