2012-01-11 12:15:47

नई दिल्लीः 42 प्रतिशत बच्चों का कुपोषित होना लज्जा की बात, प्रधान मंत्री


नई दिल्ली, 11 जनवरी सन् 2012 (ए.पी.): भारत में पाँच वर्ष की उम्र से कम आयु वाले 42 प्रतिशत बच्चे या तो भूख अथवा कुपोषण के शिकार हैं।

नई दिल्ली में, मंगलवार को, प्रधानमंत्री मन मोहन सिंह ने, अक्टूबर सन् 2010 से विगत वर्ष फरवरी माह तक 112 जिलों में किए गए सर्वे की रिपोर्ट जारी की। सर्वे में राजस्थान के नौ, मध्यप्रदेश के 11, उत्तर प्रदेश के 40 तथा अन्य बिहार, उड़ीसा एवं झारखण्ड के ज़िलों को शामिल किया गया था।

रिपोर्ट को जारी करते हुए प्रधान मंत्री ने कहा, "यह वाकई शर्म की बात है कि जहां विकसित देशों के बच्चे मोटापे के शिकार हो रहे हैं, वहीं हमारे देश में पांच साल से कम उम्र के 42 फीसदी बच्चों को इतना भोजन भी नसीब नहीं हो पा रहा है कि वे खुद को कुपोषण जनित बीमारियों से बचा सकें।"

रिपोर्ट के अनुसार देश में मोबाइल और बिजली की पहुंच भले ही अस्सी प्रतिशत से अधिक पहुंच गई हो किन्तु स्वच्छता और कुपोषण की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं देखा गया है। प्रधान मंत्री ने कहा कि जीडीपी में वृद्धि के बावजूद देश में कुपोषण का स्तर चिन्ताजनक है।

इस बीच, यूनीसेफ द्वारा जारी हाल के आँकड़ों के अनुसार तीन वर्ष की आयु से कम उम्र वाले विश्व के एक तिहाई बच्चे भारत में जीवन यापन करते हैं। यहाँ कुपोषण की दर उपसहारा अफ्रीका से भी बदत्तर है।











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