वाटिकन सिटी, 07 जनवरी, सन् 2012 (सेदोक): विश्व के काथलिकों में उनके विश्वास की सही
एवं बेहतर समझदारी उत्पन्न करने तथा ख्रीस्त के यथार्थ साक्षी बनने में उनकी मदद करने
हेतु वाटिकन ने "विश्वास वर्ष" के लिये कुछ सुझाव प्रस्तावित किये हैं।
शनिवार,
सात जनवरी को परमधर्मपीठीय विश्वास एवं धर्म सिद्धान्त परिषद ने एक अधिसूचना जारी कर
विश्वास वर्ष के दौरान प्रेरितिक कार्यों पर कुछ सुझाव प्रकाशित किये।
सन्त
पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने 11 अक्टूबर सन् 2011 से 24 नवम्बर सन् 2013 तक विश्वास वर्ष
की घोषणा की है। इस वर्ष को उचित रीति से किस प्रकार मनाया जाये, इसी पर परमधर्मपीठीय
विश्वास एवं धर्म सिद्धान्त परिषद ने कुछ सुझाव दिये हैं।
परिषद की अधिसूचना
में बताया गया कि नवीन सुसमाचार उदघोषणा को प्रोत्साहन देने के लिये गठित परमधर्मपीठीय
समिति "विश्वास वर्ष" के उपलक्ष्य में नई वेब साईच लॉन्च करेगी ताकि इससे सम्बन्धित उपयोगी
सूचनाएँ विश्वासियों तक तुरन्त पहुँचाई जा सकें।
इसमें कहा गया, "विश्वास वर्ष
का उद्देश्य प्रभु येसु के प्रति अपने विश्वास को नवीकृत करना है ताकि कलीसिया के सदस्य
पुनर्जीवित प्रभु येसु ख्रीस्त के विश्वसनीय साक्षी बन सकें तथा उन लोगों का मार्ग प्रशस्त
कर सकें जो विश्वास का द्वार खटखटा रहे हैं।"
यह भी कहा गया कि विश्वास वर्ष का
प्रारम्भ 11 अक्टूबर सन् 1962 में सम्पन्न द्वितीय वाटिकन महासभा के उदघाटन के दिन से
तथा सन् 1992 में काथलिक कलीसिया की धर्मशिक्षा पुस्तक के विमोचन से होता है इसलिये महासभा
एवं धर्मशिक्षा पुस्तक की शिक्षाओं के प्रसार हेतु विश्वास वर्ष के दौरान विशेष प्रयास
करना हितकर होगा।
विश्वास वर्ष के दौरान द्वितीय वाटिकन महासभा एवं काथलिक
कलीसिया की धर्मशिक्षा पुस्तक में निहित शिक्षाओं के प्रसार पर बल दिये जाने के अतिरिक्त
अन्य ख्रीस्तीय समुदायों के साथ समारोहों का आयोजन किया जायेगा। इस दिशा में विश्व के
काथलिक धर्माध्यक्षों, धर्मप्रान्तों एवं पल्लियों को कुछ प्रेरितिक सुझाव दिये गये हैं।
वाटिकन द्वारा प्रस्तावित सुझावों में मीडिया एवं कला जगत में कार्यरत लोगों
के साथ साक्षात्कार, अन्य धर्मों के लोगों के साथ वार्ताएँ, युवाओं के लिये कार्यशिविर,
समाज कल्याण कार्यों में सहयोग, आदि शामिल हैं।