वाटिकन सिटीः नववर्ष के दिन मध्यान्ह देवदूत प्रार्थना से पूर्व दिया गया सन्त पापा बेनेडिक्ट
16 वें का सन्देश
श्रोताओ, रविवार, पहली जनवरी को नववर्ष के उपलक्ष्य में, सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के
प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों के साथ देवदूत प्रार्थना के पाठ से पूर्व सन्त पापा
बेनेडिक्ट 16 वें ने भक्तों को इस प्रकार सम्बोधित कियाः
"अति प्रिय भाइयो एवं
बहनो, नये साल के पहले दिन के लिये निर्धारित धर्मग्रन्थ पाठों में बाईबिल का यह
त्रैपक्षीय आशीर्वाद प्रतिध्वनित होता है जिसे हम गणना ग्रन्थ के छठवें अध्याय के 24
स, लेकर 26 तक के पदों में इस प्रकार पढ़ते हैं: "प्रभु तुम लोगों को आशीर्वाद प्रदान
करे और सुरक्षित रखे। प्रभु तुम लोगों पर प्रसन्न हो और तुम पर दया करे। प्रभु तुम लोगों
पर दयादृष्टि करे और तुम्हें शान्ति प्रदान करे।" ईश्वर के मुखमण्डल पर हम चिन्तन कर
सकते हैं क्योंकि उन्होंने अपने आप को प्रभु येसु में प्रकट किया हैः येसु अदृश्य ईश्वर
की दृश्यमान छवि हैं। इसका श्रेय पवित्र कुँवारी मरियम को भी जाता है जिनके सर्वाधिक
महान शीर्षक यानि ईश्वर की माता का आज हम समारोह मनाते हैं। ईश माता रूप में ही मरियम
मुक्ति इतिहास में अद्वितीय भूमिका निभाती हैं। मरियम के गर्भ में सर्वोच्च ईश्वर के
पुत्र ने मानव शरीर ग्रहण किया, जिनकी महिमा पर हम मनन चिन्तन कर सकते हैं (दे. योहन
1,14) इस बात का एहसास कर सकते हैं कि ईश्वर हमारे साथ हैं।"
सन्त पापा
ने आगे कहाः "इस प्रकार, बेथलेहेम के शिशु में प्रकट हुए ईश्वर के मुखमण्डल तथा विनम्रता
और दीनतापूर्वक ईश्वर की योजना से संलग्न होने का आमंत्रण स्वीकार करनेवाली माँ मरियम
पर चिन्तन से हम नववर्ष 2012 का शुभारम्भ करें। मरियम की उदार "हाँ" के परिणामस्वरूप
ही विश्व में वह ज्योति जगमगा सकी जो प्रत्येक व्यक्ति को आलोकित करती (दे.योहन 1,9)
तथा हमारे लिये शान्ति का द्वार खोलती है।"
उन्होंने आगे कहाः "अति प्रिय
भाइयो एवं बहनो, जैसा कि अब यह एक शुभ एवं नेक परम्परा बन चुकी है, आज हम विश्व शांति
दिवस मना रहे हैं। काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित यह 45 वाँ विश्व शान्ति दिवस है। विश्व
के राष्ट्राध्यक्षों, सरकारों, विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों तथा सभी शुभचिन्तकों के
नाम इस उपलक्ष्य में मैंने जो सन्देश प्रेषित किया है उसका शीर्षक हैः "युवाओं को न्याय
एवं शान्ति की शिक्षा देना"। इस शीर्षक द्वारा मैंने, नैतिक एवं मानवीय आयामों सहित,
मानव के अखण्ड विकास हेतु नई पीढ़ियों को उचित शिक्षा प्रदान करने की अत्यावश्यकता को
प्रकाशित करना चाहा है (दे. अंक 3)। विशेष रूप से, न्याय एवं शान्ति सम्बन्धी मूल्यों
की शिक्षा प्रदान किये जाने को, मैंने, रेखांकित करना चाहा है। युवा जन, आज, अपने जीवन
के विभिन्न पहलुओं को प्रदर्शित कर, भविष्य को आशंका की दृष्टि से देख रहे हैं, जिनपर
ध्यान दिया जाना अनिवार्य है, उदाहरणार्थ, उनके मन में "उचित शिक्षा पाने की इच्छा है।
ऐसा प्रशिक्षण पाने की इच्छा जो उन्हें जीवन की वास्तविकताओं का सामना करने हेतु तैयार
कर सके। उन्हें परिवार के निर्माण एवं नौकरी के अवसर पाने सम्बन्धी जीवन की कठिनाइयों
को पार करने का रास्ता दिखाये। उन्हें, राजनीति, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की दुनिया
में योगदान प्रदान करने में सक्षम बनाये। उन्हें ऐसे समाज के निर्माण में मदद दे जिसका
चेहरा और अधिक मानवीय तथा एकजुटता एवं एकात्मता से परिपूर्ण हो" (दे. अंक 1)।
सभी
को मैं धैर्य और दृढ़ता के साथ न्याय और शांति की तलाश करने, तथा सही एवं सत्य के स्वाद
को विकसित करने हेतु आमंत्रित करता हूँ (दे.अंक 5)। शांति कभी भी ऐसी सम्पत्ति नहीं हो
सकती जो पूरी तरह से हासिल कर ली जाये, बल्कि यह एक लक्ष्य है जिसकी ख़्वाहिश सबके दिल
में सदैव बनी रहनी चाहिये तथा जिसे पाने के लिये सभी को प्रयास करते रहना चाहिये।"
अन्त
में सन्त पापा ने कहाः "आइए, हम प्रार्थना करें कि उन कठिनाइयों के बावजूद जो कभी कभी
हमारे रास्ते को मुश्किल बना देती हैं, हमारी यह उत्कट अभिलाषा, सुलह, न्याय एवं शांति
के ठोस कार्यों में, परिवर्तित हो। इसलिये भी हम प्रार्थना करें कि राष्ट्रों के नेता
मानव जाति की इस अदम्य तड़प को स्वीकार करें तथा इसके लिये अपनी प्रतिबद्धता को नवीकृत
करें। इन मंगलकामनाओं को हम "शान्ति के राजकुमार" की माँ, मरियम, के सिपुर्द करें ताकि
यह वर्ष जो शुरु हो रहा है वह सम्पूर्ण विश्व के लिये आशा एवं शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व
का शुभ काल सिद्ध हो।"
इतना कहकर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सभी भक्तों
पर शान्ति का आह्वान किया तथा सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।
तदोपरान्त,
सन्त पापा ने विभिन्न भाषाओं में नववर्ष की शुभकामनाएँ अर्पित कीं। अँग्रेज़ी भाषा में
उन्होंने कहाः............ "नये वर्ष की देहलीज़ में प्रवेश करते हुए मैं आप सभी के प्रति
शुभकामनाएँ अर्पित करता हूँ। जैसा कि आज विश्व शांति दिवस है मैं आप सबसे अनुरोध करता
हूँ कि विश्व में शान्ति की स्थापना हेतु आप मेरे साथ मिलकर, संघर्ष के क्षेत्रों में
सुलह एवं क्षमा के लिये तथा विश्व के संसाधनों के और अधिक न्यायसंगत तथा समान वितरण के
लिये, प्रार्थना करें। माँ मरियम जिन्हें हम आज ईश माता रूप में याद करते हैं, सदैव हमारा
मार्गदर्शन करें तथा हमारी रक्षा करें ताकि हम उनके पुत्र प्रभु येसु ख्रीस्त के प्रेम
में विकसित होते जायें। आप सबपर ईश्वर की आशीष बनी रहे।"