मुम्बईः "हत्या, धार्मिक स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों को कुण्ठित करनेवाले आधुनिक "हेरोद"
हैं", कहना कार्डिनल ग्रेशियस
मुम्बई, 29 दिसम्बर सन् 2011 (एशिया न्यूज़): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति कार्डिनल ऑस्वल्ड
ग्रेशियस ने, 28 दिसम्बर को, निर्दोष व्यक्तियों के पर्व के दिन, एशिया समाचार को दी
एक भेंटवार्ता में कहा कि जो लोग मादा भ्रूण हत्या और शिशु हत्या करते, धार्मिक स्वतंत्रता
को कुण्ठित करते तथा मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हैं वे आधुनिक जगत के "हेरोद" हैं।
येसु मसीह के जन्म के कुछ दिन बाद ही मसीह को मारने के उद्देश्य से ततकालीन राजा
हेरोद ने दो साल की उम्र तक के सभी बच्चों को मरवा डाला था। इसी की स्मृति में काथलिक
कलिसिया क्रिसमस के तीन दिन बाद, 28 दिसम्बर को "होली इनोसेन्ट" दिवस मनाती है।
कार्डिनल
ग्रेशियस के अनुसार, "जो लोग मादा भ्रूण को नष्ट करते हैं, वे, ईश्वर एवं महिलाओं से
डरते हैं। ऐसे लोग धन को अपना देवता मानते हैं। इन लोगों के मन में यह भ्रम रहता है कि
महिलाएँ केवल एक आर्थिक समस्या हैं।" उन्होंने कहा, "हमारे प्रभु येसु प्रचुर मात्रा
में जीवन लाने आये थे इसलिये मुझे लगता है कि जो कोई भी जीवन की सम्भावना को सीमित करता
है वह हेरोद की तरह है।"
कार्डिनल महोदय ने कहा कि भारत में ईसाइयों का उत्पीड़न
बेथलेहेम में निर्दोष लोगों की शहादत की याद दिलाता है। कार्डिनल के अनुसार, जो कोई भी
धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करता तथा ख्रीस्त में विश्वास के कारण ख्रीस्तीयों पर
हमले करता है वह मानवाधिकारों का अतिक्रमण करता है।
उन्होंने कहा, "जो लोग मानवाधिकारों
को कुण्ठित करते तथा भ्रष्टाचार में लिप्त रहकर भौतिकतावाद का ही अनुसरण करते हैं वे
दुष्ट "हेरोद" की तरह ही प्रभु येसु मसीह के जीवन को नष्ट कर रहे हैं।"