एशियाः सूनामी पीड़ितों ने कठिनाईयों के बीच शुरु किया नया जीवन
एशिया, 27 दिसम्बर सन् 2011 (ऊका समाचार): एशिया एवं प्रशान्त के 14 देशों ने सोमवार
को सुनामी प्राकृतिक आपदा की सातवीं बरसी मनाई तथा इस प्रकोप में मारे गये ढाई लाख से
अधिक लोगों का स्मरण किया।
सन् 2004 में 26 दिसम्बर को दक्षिण पूर्व एशिया एवं
प्रशान्त के 14 देश समुद्री तूफान सुनामी की चपेट में आ गये थे जिससे जान माल की व्यापक
हानि हुई थी।
तमिल नाड, श्री लंका, थाईलैण्ड तथा इण्डोनेशिया सहित अन्य अनेक
देश इसकी चपेट में आ गये थे।
काथलिक कलीसिया का अन्तरराष्ट्रीय उदारता संगठन,
"कारितास" ने विभिन्न देशों में सुनामी पीड़ितों की मदद की है तथा उनके लिये आवासों का
निर्माण किया है।
श्री लंका में 35,322 लोग सुनामी में मारे गये थे तथा कई हज़ार
विस्थापित एवं बेघर हो गये थे। विस्थापितों एवं बेघर लोगों के पुनर्वास हेतु कारितास
लोकोपकारी संगठन श्री लंका के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है। कारितास श्री लंका के
फादर डेमियन आरासकुलरत्ने ने ऊका समाचार को बताया कि कारितास ने जाति, धर्म तथा वर्ण
का भेद किये बिना सबकी मदद का प्रयास किया है।
उन्होंने बताया कि सुनामी पीड़ितों
की मदद के लिये आरम्भ कारितास की योजना के तहत 8,834 परिवारों को माहीगिरी, कृषि एवं
लघु उद्योग के लिये मदद दी गई। इसके अतिरिक्त, कारितास ने श्री लंका में बेघर लोगों के
लिये 1,400 घरों का निर्माण करवाया तथा लगभग 800 घरों की मरम्मत की। श्री लंका के बाटिकलोवा
ज़िले में कारितास ने 6000 मकानों की व्यवस्था की है तथा महिलाओं एवं बच्चों की मदद के
लिये विभिन्न कल्याणकारी योजनाएँ आरम्भ की हैं।