2011-12-23 10:39:57

भोपालः भगवत गीता पर ख्रीस्तीयों ने दिया हिन्दु धर्मानुयायियों का साथ


भोपाल, 23 दिसम्बर सन् 2011 (कैथन्यूज़): भोपाल में ख्रीस्तीयों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने भारतीय सरकार से मांग की है कि वह रूसी अधिकारियों पर दबाव डाले तथा हिन्दुओं के पवित्र ग्रन्थ "गीता" पर प्रतिबन्ध को रुकवाये।

रूस के साईबेरिया प्रान्त के तोमस्क शहर की एक अदालत में, रूसी ऑरथोडोक्थ चर्च के लोगों ने "गीता" के रूसी अनुवाद को हिंसक साहित्य बताकर, मामला दायर किया है। इस पर अदालत 28 दिसम्बर को फ़ैसला सुनानेवाली है।

"मध्यप्रदेश ईसाई महासंघ" के एक प्रतिनिधिमण्डल ने, बुधवार को, मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव को एक मेमो अर्पित कर केन्द्रीय सरकार से मांग की कि वह रूसी अधिकारियों पर इस मामले में दबाव डाले। राज्यपाल यादव से उन्होंने निवेदन किया कि वे इस मामले में राष्ट्रपति के हस्तक्षेप का आग्रह करें।

ख्रीस्तीय प्रतिनिधिमण्डल के प्रवक्ता काथलिक पुरोहित फादर आनन्द मुत्तुगंल ने कहा कि गीता पर प्रतिबन्ध भारत के सभी धार्मिक समुदायों के लिये दुखदायी होगा तथा इससे देश में सामुदायिक मैत्री पर ग़लत प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा, "भारत के ख्रीस्तीय धर्मानुयायी अपने हिन्दु भाइयों के साथ मिलकर उक्त प्रतिबन्ध की निन्दा करते हैं तथा धर्मग्रन्थ की रक्षा के लिये सदैव उनका साथ देने को तत्पर हैं।"

ईसाई महासंघ के सदस्य जेरी पौल ने बताया कि राज्यपाल यादव ने केन्द्रीय सरकार तक ख्रीस्तीयों की अपील पहुँचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में मध्यप्रदेश के ईसाई संघ ने काथलिक कलीसिया के धर्मगुरु सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें सहित विश्व के कई नेताओं से मदद मांगी है।









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