2011-12-20 12:05:37

भारतः विदेश मंत्री ने कहा "गीता" पर प्रतिबन्ध कीं मांग बेतुकी


भारत, 20 दिसम्बर सन् 2011 (बी.बी.सी.): भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने, सोमवार को, संसद में दिये अपने बयान में बताया कि उन्होंने भगवद् गीता पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश का मामला रूसी अधिकारियों साथ उठाया है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में रूस स्थित भारतीय दूतावास ने रूसी अधिकारियों के बात की है।

गौरतलब है कि रूसी ख्रीस्तीय ऑर्थोडॉक्स चर्च से जुड़े एक संगठन ने गीता को 'उग्रवादी' ग्रंथ करार दिया है। इस मामले में साइबेरिया के तोम्स्क शहर में अदालत से भगवद्गीता पर बैन लगाने की मांग की गई है जिसपर 28 दिसंबर को फैसला होना है।

सोमवार को संसद में दिये अपने बयान में एसएम कृष्णा ने कहा, "भगवद गीता पर प्रतिबंध लगाने की मांग बेतुकी है।" उन्होंने आशा व्यक्त की रूस भगवद् गीता पर प्रतिबंध नहीं लगाएगा। इस मुद्दे पर संसद में सोमवार को काफ़ी शोर-शराबा हुआ था।

मॉस्को में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने भी भगवद्गीता को ' उग्रवादी ' धर्मग्रंथ बताने के मुद्दे पर रूसी अधिकारियों के सामने नाराज़गी वेयक्त की। मल्होत्रा ने कहा, 'मॉस्को में भारतीय दूतावास ने इस मुद्दे को रूसी सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने उठाया और हस्तक्षेप की मांग की है।'

इस बीच, भारत में रूस के राजदूत एलेक्ज़ेंडर एम कैडाकिन ने भी इस मामले पर दुख जताया है। एक वकतव्य में उन्होंने कहा, "यह बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता है कि किसी पवित्र ग्रंथ को अदालत तक ले जाया जाये। यह दुखद तथ्य है कि साईबेरिया के विश्वविद्यालीन शहर तोम्स्क में यह घटना हो रही है जो अपनी धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक सहिष्णुता के लिये विख्यात है।"








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