वाटिकन सिटी, 10 दिसंबर, 2011 (ज़ेनित) संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने कहा, " हमारे मन
और दिल की नज़र सिर्फ़ दुनियावी क्षितिज तक या इसकी सांसारिक वस्तुओं तक ही सीमित न हों
पर इस ‘क्रिसमस ट्री’ के समान ही ईश्वर की ओर उन्मुख हों। ईश्वर हमें नहीं भूलता पर हमसे
यह भी चाहता कि हम भी उन्हें न भूलें।"
संत पापा ने उक्त बातें उस समय कहीं जब
उन्होंने बुधवार को टैबलेट कमप्युटर द्वारा इटली के गुब्बियो में अवस्थित ‘विद्युत पेड़’
को प्रज्वलित किया।
संत पापा ने कहा कि " पेड़ को प्रज्वलित करने के पूर्व मैं
अपनी तीन इच्छायें व्यक्त करना चाहता हूँ। जब हम अपनी आँखें ऊपर उठाकर इस पेड़ को देखें
तो हम दुनिया की सृष्टि करने वाले ईश्वर को अवश्य देखें।"
संत पापा ने कहा, "
सुसमाचार में यह कहानी वर्णित है कि येसु के जन्म की पावन रात्रि में चरवाहों ने एक ज्योति
देखी जिसने उन्हें जिस बड़े आनन्द का संदेश सुनाया, वह था - येसु का जन्म। येसु ने हमें
ज्योति प्रदान की या हम कहें कि जिन्होंने हमें खुद को दिया जो स्वयं ही सच्ची ज्योति
हैं। ज्योति, जिसे मै जलाने जा रहा हूँ यह गुब्बियो शहर के ऊपर अवस्थित है अपनी ज्योति
से अँधरे को दूर कर देगा।"
दुसरी बात जिसे मैं सबों को बतलाना चाहता हूँ
वह है "हम अपने को इस बात की याद दिलायें कि हमें वह ज्योति चाहिये जो हमें रास्ता दिखाये
और विपत्ति, दुःख तथा ऐसे समय में जब हम अंधकार से घिरे हों, हमे आशा प्रदान करे।"
यह
ज्योति प्रभु येसु ही हैं, जिनका जन्म दिन हम मनाने जा रहे हैं, जो नम्र हैं और चरनी
में लेटे हैं। वे ईश्वर है और हममें से प्रत्येक को अपनी ओर खींचते हैं ताकि हम उन्हें
स्वीकारें, अपने जीवन को नया करें, उसकी उपस्थिति का अनुभव करें,और उन पर आस्था रखें।"
संत पापा की तीसरी इच्छा है कि " जैसा कि उस विद्यत पेड़ में अनेक बत्तियाँ है
और अँधेरे को दूर करने में अपना योगदान दे रहीं हैं उसी तरह हम भी अपने घर में कार्यस्थल
में, पड़ोसियों के बीच, कस्बों और शहरों में, अंधकार दूर करने में अपना योगदान दें।"
संत पापा ने कहा, "आपके द्वारा किया गया कोई भी भला कार्य इस ‘क्रिसमस ट्री’
की एक ज्योति के समान है जो अपने अन्य बत्तियों के साथ जलता रहता है, चाहे कितना ही घोर
अँधेरा क्यों न हो।"