कलीसिया ईश्वर की शक्ति और प्रकाश से समर्थन पाती है
रोम 9 दिसम्बर 2011 (सीएनएस)- काथलिक कलीसिया ने 8 दिसम्बर को कुँवारी माता मरिया के
निष्कलंक गर्भामगन का महोत्सव मनाया। संत पापा ने कहा कि कलीसिया को ईसाईयों के खिलाफ
अत्याचार और नफरत से नहीं लेकिन अपने सदस्यों के पाप से भय होनी चाहिए। उन्होंने कहा
कि कलीसिया अपने इतिहास में अत्याचार और पीड़ा सहती रही है लेकिन यह ईश्वर की शक्ति और
प्रकाश से समर्थन पाती रही है और अंत में हमेशा उसकी विजय होगी। संत पापा ने कहा
कि अत्याचार और बाह्य खतरों पर विजय पाना दर्शाते हैं कि नफरत और स्वार्थ के हर प्रकार
की विचारधाराओं के खिलाफ कैसे काथलिक समुदाय ईश्वर के प्रेम की उपस्थिति और गारंटी है।
उन्होंने कहा कि एकमात्र खतरा है जिससे कलीसिया को भय है वह है इसके अपने सदस्यों का
पाप। गुरूवार 8 दिसम्बर को संत पापा ने रोम शहर के विख्यात पियात्सा स्पान्या चौराहे
के पास स्तंभ पर स्थापित माता मरिया की प्रतिमा के पास पुष्पांजलि अर्पित किया। उन्होंने
उपस्थित जनसमुदाय को सम्बोधित करते हुए कहा कि मरिया पाप के हर दाग से मुक्त थी और कलीसिया
भी पवित्र है लेकिन साथ ही हमारे पापों के दाग हैं। समारोह के अंत में रोम के नगराध्यक्ष
सहित अन्य कुछेक विकलांगों और उनकी देखरेख करनेवालों ने संत पापा का अभिवादन कर उनकी
आशीष पायी। संत पापा पियुस नवम ने सन 1854 में घोषित किया था कि ईश्वर की दिव्य
और विशेष कृपा के कारण गर्भधारण के प्रथम क्षण से ही माता मरिया निष्कलंक थीं अर्थात्
आदि पाप के दाग से मुक्त थीं।