ईसाईयों के खिलाफ होनेवाले अत्याचार की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित करने की अपील
विलनियुस लिथुवानिया 8 दिसम्बर 2011 (सेदोक, सीसी) वाटिकन के विदेश मामलों के अधिकारी
ने औरगानाईजेशन फोर सिक्युरिटी एंड काओपोरेशन इन यूरोप (ओएससीई) की 18 वीं मंत्री स्तरीय
बैठक को सम्बोधित करते हुए सुझाव दिया है कि प्रतिवर्ष एक दिवस रखा जाये ताकि ईसाईयों
के खिलाफ होनेवाले अत्याचार की ओर विश्व का ध्यान आकर्षित हो। लिथुवानिया के विलनियुस
में 6 और 7 दिसम्बर को आयोजित ओएससीई की बैठक को सम्बोधित करते हुए महाधर्माध्यक्ष दोमनिक
मेम्बेरती ने कहा कि ईसाईयो के खिलाफ अत्याचार की ओर ध्यान देने के लिए अंतरराष्ट्रीय
दिवस का आह्वान करना महत्वपूर्ण चिहन् होगा ताकि इस गंभीर मुद्दे का सामना करने के लिए
सरकारें गंभीर हों। उन्होंने ओएससीई के प्रतिनिधियों को स्मरण कराया कि ईसाईयों के खिलाफ
हिंसा सामान्य बात हो गयी है और अबतक सरकारों ने इस मुद्दे पर जरूरी गंभीरता नहीं दिखाई
है। धार्मिक स्वतंत्रता का हनन बहुत सामान्य बात हो गयी है। महाधर्माध्यक्ष मेम्बेरती
ने कहा कि विभिन्न ईसाई समुदायों के लगभग 200 मिलियन ईसाई धर्मानुयायी कठिनाईयों में
हैं तथा विभिन्न कानूनी और सांस्कृतिक संरचनाओं के कारण भेदभाव का शिकार होते हैं। वार्षिक
स्तर पर एक दिवस का आह्वान करने से उनकी कठिनाईयों की ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान
आकर्षित होगा। महाधर्माध्यक्ष मेम्बेरती ने हथियारों के अवैध हस्तांतरण तथा लघु अस्त्रों
का भंडारण किये जाने के प्रयासों पर रोक लगाये जाने के लिए किये जा रहे प्रयासों की सराहना
किया। उन्होंने आह्वान किया कि मानव तस्करी को रोकने के लिए और अधिक प्रयास किये जायें
तथा सरकार की प्रवासन संबंधी नीतियाँ प्रवासियों के प्रति अधिक ध्यान दें न कि अस्थायी
श्रमशक्ति या स्थायी निवासी के रूप में केवल उनकी आर्थिक भूमिका पर ही गौर करे।