लिथुआनियाः आप्रवासियों की ज़रूरतों पर ध्यान देने की आवश्यकता, वाटिकन
लिथुआनिया, सात दिसम्बर सन् 2011 (सेदोक): लिथुआनिया के विलनियुस शहर में छः एवं सात
दिसम्बर को सम्पन्न यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग सम्बन्धी संगठन “ओशे” के मंत्रियों की
बैठक में वाटिकन ने आप्रवासियों की ज़रूरतों पर ध्यान केन्द्रित करने का आग्रह किया है।
“ओशे” संगठन में वाटिकन राज्य के विदेश सचिव दोमनिक मामबेरती ने मंगलवार को यूरोप
के सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप्रवास नीतियों एवं
सुरक्षा के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है।
महाधर्माध्यक्ष मामबेरती ने कहा कि वर्तमान
आर्थिक संकट की पृष्ठभूमि में आप्रवासियों द्वारा श्रम क्षेत्र में दिये जा रहे योगदान
के महत्व को समझा जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि आप्रवासियों के श्रम बल से यूरोप
की आर्थिक स्थिति मज़बूत हुई थी इस बात को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिये। उन्होंने कहा
कि श्रम के साथ साथ आप्रवासियों की पारिवारिक, सांस्कृतिक एवं धार्मिक ज़रूरतों को समझना
भी आवश्यक है। इसके लिये उपयुक्त संरचनाओं के निर्माण का उन्होंने आह्वान किया और कहा
कि आप्रवासियों को उनके अधिकार देकर ही यूरोपीय महाद्वीप सुरक्षा एवं समृद्धि के लक्ष्य
की प्राप्ति कर सकेगा।