पुणे भारत 30 नवम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) भारत के पुणे में टर्फ कल्ब के समीप स्थित
150 वर्ष प्राचीन संत एन्ड्रुस हिन्दुस्तानी चर्च में सोमवार की सुबह आग लग जाने से यह
पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। केन्द्रीय दमकल विभाग के अधिकारी सुनील गिलबिले ने कहा
कि सुबह के समय में आग लगी थी और यह पूरी इमारत में फैल गयी। आग लगने का कारण संभवतः
बिजली की शोर्ट सर्किट है। आग पर नियंत्रण पाने के लिए दमकल विभाग को लगभग एक घंटा लगा।
गिलबिले ने कहा यह चर्च ब्रिटिश युग का था। इसे बनाने में लकड़ी का बहुत उपयोग किया गया
था जिससे आग को बढ़ने और फैलने में मदद मिली। पुणे के काथलिक धर्माध्यक्ष थोमस डाबरे
ने चर्च का दौरा किया तथा अग्निकांड पर संदेह व्यक्त करते हुए इसे साजिश कहा है। पुलिस
ने घटना की विस्तृत जाँच करने तथा चर्च परिसर की फोरेंसिक जाँच करने का आश्वासन दिया
है लेकिन उनका सुझाव है कि यह बिजली के शोर्ट सर्किट से हो सकता है। चर्च के सचिव मान्यवर
थोमस इरविन ने कहा कि सोमवार की सुबह लगभग 8 बजे आग लगी तथा कुछ ही मिनटों में पूरी इमारत
में फैल गयी। स्कोटिश मिशन द्वारा सन 1860 में निर्मित चर्च को स्वीडिश मिशनरियों
को सौंपा गया था। पास्टर सचिन मसीह ने कहा पूर्वी तुर्किस्तान के कोवेनंट चर्च से सन
1940 में लाये गये बाइबिल के उर्दू संस्करण, ब्रिटिश काल के रोमी बाइबिल, हिन्दी भाषा
में तैयार गीत पुस्तक तथा अन्य कीमती सामान आग में नष्ट हो गये।