2011-11-28 17:06:07

देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ करने से पूर्व संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें द्वारा दिया गया संदेश


वाटिकन सिटी रोम 27 नवम्बर 2011 (सेदोक, एशिया न्यूज) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने रविवार 27 नवम्बर को संत पेत्रुस बासिलिका के प्रांगण में देश विदेश से आये हजारों तीर्थयात्रियों, विश्वासियों और पर्यटकों के साथ देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया। उन्होंने मसीही विश्वासियों को इताली भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा-
अतिप्रिय भाईयो और बहनो,
आज नये पूजन धर्मविधि वर्ष का आरम्भ होता है, विश्वास की एक नयी यात्रा, ईसाई समुदाय में एकसाथ जीना लेकिन साथ ही जैसा कि यह है- अपने अंदर विश्व के इतिहास को जीना ताकि यह ईश्वर का रहस्य, मुक्ति जो उनके प्रेम से आती है उस के लिए स्वयं को खोल सकें। आगमन काल उत्कृष्ट समय है जो हमारे दिलों में ख्रीस्त के पुनरागमन की प्रतीक्षा को जाग्रत करता तथा उनके प्रथम आगमन की याद जब वे अपनी स्वर्गिक महिमा का परित्याग कर मरणशील शरीर धारण किये।
आज के सुसमाचार में हमारे लिए येसु का आह्वान है- सतर्क रहो, जागते रहो। यह न केवल उनके शिष्यों के लिए लेकिन हम सबको सम्बोधित है। जागते रहो सतर्क रहो, यह हम सबके लिए स्वस्थ अनुस्मारक है कि जीवन का न केवल पार्थिव आयाम है लेकिन यह उससे कहीं अधिक ऊपर की ओर उन्मुख है एक नन्हे अंकुर की तरह जो धरती से अंकुरित होते हुए ऊपर आकाश की ओर खुलता है। मानव, जो एक विचार करनेवाला बीज के सदृश है, स्वतंत्रता और जिम्मेदारी से लैस, हम में से प्रत्येक जन जिम्मेदार ठहराये जायेंगे कि हमने अपनी क्षमताओं का उपयोग किस प्रकार किया है, क्या हमने इन्हें स्वयं अपने लिए रखा या इन्हें उपयोग में लाया जिससे दूसरों को लाभ मिला।
संत पापा ने आगे कहा- इसायस नबी कहते हैं कोई न तो तेरा नाम लेता और न तेरी शरण में जाने का विचार करता है क्योंकि तूने हम से मुँह फेर लिया और हमारे पापों को हम पर हावी होने दिया। हम कैसे इस विवरण से प्रभावित नहीं हो सकते हैं। अति आधुनिक काल के शहरों के बारे में कुछ मंतव्यों पर चिंतन करे जहाँ जीवन अज्ञात और क्षैतिज बन जाता है, जहाँ प्रतीत होता है कि ईश्वर अनुपस्थित हैं और मानव स्वयं अपना मालिक बन गया है मानो वह सबकुछ का रचयिता और संचालक है। निर्माण, रोजगार, अर्थव्यवस्था, आवागमन, विज्ञान, टेक्नोलोजी, सबकुछ ऐसा प्रतीत होता है मानो वह केवल मानव पर निर्भर करता है। और कभी कभी इस संसार में ऐसा प्रतीत होता है कि एकदम पूर्ण, स्तब्ध करनेवाली चीजें होती हैं प्रकृति में या समाज में ताकि हम सोचते हैं कि ईश्वर हट गये हैं या फिर ऐसा कहा जाये कि उन्होंने हमें छोड़ दिया है।
वस्तुतः इस दुनिया का सच्चा भगवान प्रभु हैं न कि इंसान। सुसमाचार कहता है- इसलिए तुम नहीं जानते कि घर का स्वामी कब आयेगा, शाम को, आधी रात को, मुर्गे के बाँग देते समय या भोर को। इसलिए जागते रहो, कहीं ऐसा न हो कि वह पहुँच कर तुम्हें सोता हुआ पावे। आगमन काल हर वर्ष हमें यही याद कराने आता है ताकि हमारा जीवन ईश्वर के चेहरे की ओर सही दिशा प्राप्त करे। ईश्वर की छवि, मास्टर का नहीं लेकिन पिता और मित्र का है।
कुँवारी माता मरिया के साथ हमारी आगमन कालीन यात्रा में हमें मार्गदर्शन प्रदान करते हुए हम नबी इसायस के शब्दों को अपना बना सकें तो भी प्रभु तू हमारा पिता है हम मिट्टी हैं और तू कुम्हार है तूने हम सब को बनाया है।
इतना कहने के बाद संत पापा ने देवदूत संदेश प्रार्थना का पाठ किया और सबको अपना प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।








All the contents on this site are copyrighted ©.