वाटिकन सिटी 26 नवम्बर, 2011, (ज़ेनित) धन्य जोन पौल द्वारा स्थापित परिवारों के लिये
बनी परमधर्मपीठीय समिति " फामिलियारिस कोनसोरतो " अगले सप्ताह अपनी स्थापना का 30वाँ
वर्षगाँठ मनायेगा।
उक्त बात की जानकारी देते हुए वाटिकन के परिवार संबंधी विभाग
अध्यक्ष कार्डिनल एन्यियो अन्तोनेल्ली ने वृहस्पतिवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी
कर बताया कि इस समारोह में नये सुसमाचार प्रचार में परिवार की भूमिका और धर्मप्रांतों
और पल्लियों में परिवार के योगदान की चर्चा जायेगी।
उन्होंने बतलाया कि परिवारों
का बुलाहट मिशनरी है, इसके द्वारा परिवार, येसु के प्रेम और उपस्थिति का अनुभव करना उसे
प्रकाशित करना और पूरी दुनिया में प्रकट करना ताकि हम सेवा, उदारता ज़िम्मेदारी पूर्ण
सृष्टि, बच्चों के भरण-पोषण काम के प्रति समर्पित, ग़रीबों और ज़रूरतमंदों की देख-भाल,
दैनिक प्रार्थना, मिस्सा पूजा में हिस्सा लेने और कलीसिया के क्रिया-कलापों सक्रिय हिस्सा
लेकर सुसमाचार के विश्वस्त साक्षी बन सकते हैं।
समिति के सचिव धर्माध्यक्ष जाँ
लफ्फित्ते ने कहा, आधुनिक प्रगतियाँ कई बार परिवार की नींव को कमजोर करने का प्रयास करती
हैं ।
उन्होंने कहा, संत पापा जोन पौल कहा करते थे " हाल के नियम परिवारों के
दूसरे रूपों का वैधानिक बना दिये हैं जो परिवार को इसके आधारों से अलग करता है; नर और
नारी का प्रेम एक अटूट संबंध है।
धर्माध्यक्ष ने परिवारिक जीवन की कुछ नई चुनौतियों
के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि "गिरजा में विवाह बंधन में बँधना सक्रिय विश्वास का
चिह्न नहीं रह गया है; इसका अर्थ यह है कि ख्रीस्तीय विवाह के पवित्रता के आभास होने
का ह्रास। उन्होंने कहा, " इसीलिये आज इस बात की आवश्यकता है कि विवाहितों और परिवार
को मजबूत करने के लिये गंभीर और लगातार प्रयास किये जायें।"
सचिव ने बताया कि
परमधर्मपीठीय समिति की पत्रिका " फमिलिया एत विता " 30वें वर्षगाँठ के अवसर पर इस संबंध
में विशेष लेख प्रकाशित करेगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इसके 29 लेखों को परिवार
संबंधी विशेषज्ञों ने तैयार किये हैं। इसमें पाँच कार्डिनल, 10 महाधर्माध्यक्ष एवं धर्माध्यक्ष,
छः लोकधर्मी और 4 महिलायें भी शामिल हैं।