कोची, केरल, 25 नवम्बर, 2011(कैथन्यज़) मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ग्रेशियस
ने कहा है, " राष्ट्र के विकास के लिये हमें चाहिये कि हम कमजोर वर्ग के लोगों दलितों,
आदिवासियों और ग़रीबों के लिये कार्य करें।"
कार्डिनल ने उक्त बातें उस समय कहीं
जब उन्हेंने केरल के काथलिक कौंसिल को इंडिया (सीसआई) के 11वें अधिवेशन के उद्घाटन समारोह
में सदस्यों को संबोधित किया।
सीबीसीआई के अध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वाल्ड ने कहा,
"शांति के बिना प्रगतिन हीं और बिना न्याय और मेलमिलाप के शांति नहीं आ सकती।"
ज्ञात
हो कि केरल के कोची में आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य है " बेहत्तर भारत के
लिये कलीसिया की भूमिका।"
उन्होंने कहा, "विकास के मार्ग में भ्रष्टाचार सबसे
बड़ी बाधा है इस अभिशाप से देश को बचाया जाना चाहिये।"
सभा में उपस्थित सिरो
मलाबार कलीसिया के मेजर महाधर्माध्यक्ष जोर्ज अलेंचेरी ने कहा, "वैश्वीकरण और उपभोक्तावाद
के कारण धनी और निर्धनों के बीच खाई बढ़ गयी है। "
उन्होंने कहा, " आदिवासियों
और दलितों पर हो रहे शोषण पर लगाम लगाये बिना देश की प्रगति नहीं हो सकती।"
उन्होंने
इस बात पर बल दिया कि कलीसिया अन्य धर्मों के मध्य सेतु का कार्य करे ताकि राष्ट्र का
विकास और प्रगति तीव्र हो सके। सीसीआई, काथलिक धर्माध्यक्षीय समिति (सीबीसीआई) का
एक हिस्सा है जिसमें धर्माध्यक्षों के अलावा धर्मसमाजी सुपीरियर्स और लोकधर्मियों के
प्रतिनिधि भी हिस्सा लेते हैं। इसकी सभा प्रत्येक दो वर्ष में आयोजित की जाती है।
चारदिवसीय
सभा में सदस्य देश के विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करते है और कलीसिया के मिशन को
आगे बढ़ाने के लिये कार्ययोजना बनाते हैं।