2011-11-24 16:12:18

मिस्र में जारी हिंसा की ईसाईयों ने निन्दा की


कैरो मिस्र 24 नवम्बर 2011 (जेनित) मिस्र के भूतपूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक द्वारा 9 माह पूर्व इस्तीफा देने के बाद सुधार की धीमी प्रक्रिया पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए राजधानी कैरो के तहरीर चौक में सैकड़ो हजारों प्रदर्शनकारी 18 नवम्बर से जमा होते रहे हैं। सेना ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़े कदम उठाये हैं। अब तक इन झड़पों में मरनेवालों की संख्या 26 तक पहुँच गयी है और लगभग 1500 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं।
मीना के कोपटिक धर्माध्यक्ष अंतोनियोस अजीज ने प्रदर्शनकारियों का बचाव करते हुए सेना के कदमों की कड़ी निन्दा की है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को शांतिपूर्ण जनता पर गोली चलाने का कोई अधिकार नहीं है। मानवाधिकारों की रक्षा करने के लिए तहरीर चौक पर ईसाई और मुसलमान दोनों एक हैं। लोगों को अधिकार है कि वे अपनी बात रखें और उनके सामने एकमात्र तरीका प्रदर्शन करना है. विरोध प्रदर्शन अब मिस्र के अन्य शहरों अलेक्जेन्ड्रिया, स्वेज और दामियेता तक फैल गया है।
मिस्र में काथलिक चर्च के प्रवक्ता फादर रफीक ग्रेइच ने एशिया समाचार सेवा से कहा कि पुलिस द्वारा प्रयोग में लाये गये आँसू गैस के कारण अनेक प्रदर्शनकारी बीमार हो गये हैं। पुलिस द्वारा चलायी गयी रबर की गोलियों से अनेक लोगों को शरीर में गहरी खरोंचें आई हैं।
11 फरवरी को राष्ट्रपति होस्नी मुबारक द्वारा सत्ता से हटने के बाद सैन्य कौसिंल के अध्यक्ष फील्ड मार्शल मोहम्मद हुसैन तंतावी प्रशासन का नेतृत्व कर रहे हैं और उन्होंने आश्वासन दिया था कि जून 2012 तक चुनाव सम्पन्न हो जायेंगे तथा जुलाई माह तक लोकतांत्रिक तरीके से चुने गये राष्ट्रपति को सत्ता सौंप दी जाएगी। संसदीय चुनाव के लिए चुनाव की तिथि अगले सोमवार से होनी निर्धारित की गयी थी लेकिन अब इसके होने पर भी संदेह किया जा रहा है तथा इन्हें क्या वैध माना जायेगा।










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