2011-11-24 15:59:51

कारितास इटली की 40 वीं वर्षगाँठ पर संत पापा का संदेश


वाटिकन 24 नवम्बर 24 (सेदोक वीआर अंग्रेजी) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने कारितास इटली की स्थापना की 40 वीं वर्षगाँठ के अवसर पर इसके लगभग 12 हजार सदस्यों को गुरूवार को संत पेत्रुस बासिलिका में सम्बोधित करते समय कहा कि कारितास इटली को सुसमाचार तथा कलीसीया की शिक्षा के आलोक में समुदाय, परिवार और नागर समाज को शिक्षित करने का महत्वपूर्ण काम सौंपा गया है। कारितास इटली सन 1971 में अपनी स्थापना के समय से ही विगत चार दशकों में अनुसंधान करने, परीक्षण करने तथा लागू करने की कार्य पद्धति पर काम करती रही है जो सुनना, पर्यवेक्षण करना, मनन ध्यान कर निर्णय लेना तथा समुदाय की सेवा में प्रस्तुत करने के आधार पर एक दूसरे से जुडे हैं तथा परस्पर सहयोग करते हैं।
संत पापा ने कहा कि प्रत्येक जन का आह्वान किया जाता है कि वे मिशन काम में योगदान करें ताकि कठिन श्रम, समर्पण और सेवा के द्वारा कारितास सबलोगों के लिए ईश्वर के प्रेम को प्रकट करे। उन्होंने कहा कि लोगों की जरूरतों का जवाब देने का अर्थ केवल इतना ही नहीं है कि भूखों को रोटी दें लेकिन उन कारणों की भी खोज करें कि वे क्यों भूखे हैं जैसा कि येसु ने लोगों की जरूरतों को पूरी तरह समझा और वे उनके समाप गये तथा उनकी समस्याओं का समाधान किया। इस परिप्रेक्ष्य में संत पापा ने कहा कि वे भी संसार के सामने प्रस्तुत वर्तमान चुनौतियों का सामना करें।
संत पापा ने रेखांकित किया कि प्रवसन, युद्ध और प्राकृतिक आपदाओं से उत्पन्न समस्याएँ तथा विशेष रूप से वर्तमान समय के आर्थिक संकट आह्वान करते हैं कि भ्रातृत्व पर आधारित दीर्घकालीन समाधान खोजे जायें। उन्होंने कहा कि विकसित और अल्पविकसित या विकासशील देशों के मध्य बहुत अधिक खाई हो गयी है तथा संसार में मानव प्रतिष्ठा का हनन बढ़ गया है। परिवार कमजोर हो रहे हैं तथा अनिश्चिततापूर्ण स्थिति के कारण युवा बेरोजगारो के लिए आशा खोने के खतरे में हैं। इन्हीं सब कारणों से हमें कारितास की जरूरत है क्योंकि यह ख्रीस्त के प्रेम का चिह्न है, ऐसा चिन्ह जो आशा लाएगा।
कारितास इटली इताली काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन की मेषपालीय निकाय है जिसकी रचना संत पापा पौल षष्टम के आह्वान पर किया गया ताकि अन्य निकायों के साथ सहयोग करते हुए मानव के समग्र विकास, सामाजिक न्याय और शांति का प्रसार हो एवं विशिष्ट रूप से निर्धनों और जरूरतमंदों की सहायता की जा सके।








All the contents on this site are copyrighted ©.