भारत 24 नवम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन सीबीसीआई के
अध्यक्ष तथा मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेशियस ने कहा कि कितना भी
अत्याचार हो यहाँ तक कि मौत भी लेकिन वह काथलिक चर्च को प्रेम, न्याय और शांति के मूल्यों
को बनाये रखने के लिए अपने समर्पण से डिगा नहीं सकती है।
कार्डिनल ग्रेशियस ने
स्वर्गीय धर्मबहन वाल्सा जोन को श्रद्धांजलि अर्पित करते समय उक्त बातें कहीं जिनकी
विगत सप्ताह झारखंड राज्य के पाकुड़ जिलान्तर्गत पछुवाड़ा गाँव में बर्बर हत्या कर दी
गयी। उन्होंने कहा कि वे इस अवसर पर यह स्पष्ट रूप से बताना चाहते हैं कि प्रेम न्याय
और शांति जो सुसमाचारी मूल्य हैं इनका प्रसार करने से हमें कोई भी अत्याचार यहाँ तक कि
मौत भी रोक नहीं सकती है। भारत में काथलिक कलीसिया जाति, धर्म, लिंग, उम्र या क्षेत्र
का भेदभाव किये बिना समस्त देशवासियों तथा राष्ट्र के कल्याण के लिए समर्पित है। हम शहादत
के बिन्दु तक समाज के वंचित तबकों और दबे कुचले लोगों की सुरक्षा, प्रगति और सशक्तिकरण
के लिए सदैव अग्रिम पंक्ति में हैं।
कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा कि नवीनतम उदाहरण
वाल्सा जोन और उनका सर्वोच्च बलिदान है। वे केरल की इस बहादुर पुत्री की याद में उन्हें
सिर झुकाकर प्रणाम करते हैं।