असम 23 नवम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) आदिवासी युवती जिसे 4 साल पहले असम में सार्वजनिक
रूप से निर्वस्त्र कर दिया गया था उसने अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की माँग
करते हुए सोमवार से तीन दिनों की भूख हड़ताल आरम्भ किया है। तेजपुर नेहरू मैदान में 22
वर्षीय लक्ष्मी उराँव ने कहा कि वे दोषियों के खिलाफ उठाये गये कदमों के बारे में अब
भी आधिकारिक सूचना की प्रतीक्षा कर रही हैं, उनका भूख हड़ताल दोषियों के खिलाफ कदम उठाने
की माँग के लिए है। ज्ञात हो कि 24 नवम्बर 2007 को गुवाहाटी के बेलटोला में एक प्रदर्शन
रैली में भाग ले रही लक्ष्मी को बदमाशों ने निर्वस्त्र कर दिया था जिसके बाद उन्होंने
पुलिस में शिकायत दर्ज कराया था। सरकार ने सीबाआई को जांच करने के लिए अधिकृत किया था
तथा कुछ लोग हिरासत में लिये गये थे। भूख हड़ताल कर रहीं लक्ष्मी के साथ विरोध प्रदर्शन
करनेवाले लोग असम में रह रहे आदिवासियों को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिये जाने तथा चाय
बागानों में कार्य़रत श्रमिकों के दैनिक वेतन को बढ़ाने की माँग कर रहे हैं। उनकी यह भी
माँग है कि श्रमिकों के काम करने की अवधि को सुबह 7 बजे के बदले 9 से अपराह्न 4 बजे तक
किया जाये। प्रदर्शनकारियों की माँग हैं कि जातीय हिंसा से प्रभावित कोकराझार के
पुर्नवास केन्द्रों में अनेक वर्षों से रह रहे आदिवासियों को क्षतिपूर्ति दी जाये।