उडीसा 22 नवम्बर 2011 (काथलिक न्यूज ) उड़ीसा राज्य के दो उच्च पदस्थ अधिकारियों ने जाँच
कर रहे आयोग को विगत सप्ताह बताया कि सन 2008 में कंधमाल में हुई ईसाई विरोधी हिंसा पूर्व
नियोजित थी। भूतपूर्व राजस्व डिविजनल कमिश्नर सत्याव्रत साहु तथा कंधमाल में दक्षिणी
रेंज के भूतपूर्व डीआई जी आर पी कोचे का जाँच आयोग के सामने मानना था कि हिंसा पूर्व
नियोजित थी तथा अपराधियों ने वृक्षों को काट कर रास्तों में गिरा दिया तथा पुलिस के आवागमन
को बाधित किया। सन 2008 में कंधमाल में हुई हिंसा में अनेक ईसाईयों की हत्या हो गयी थी
तथा हजारों लोग विस्थापित हो गये थे। प्रेस ट्रस्ट ओफ इंडिया के अनुसार जाँच आयोग
के न्यायाधीश जज वासुदेव पाणिग्रही के सामने बुधवार को प्रस्तुत होते हुए दोनों उच्चाधिकारियों
ने कहा कि जिले में सशस्त्र पुलिस बल का भेजा जाना बुरी तरह बाधित हो गया था और व्यापक
स्तर पर हिंसा भड़की जिसे नियत समय पर नियंत्रित नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि जिले
में हिंसा को व्यापक स्तर पर फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने पर्याप्त कदम उठाये थे
लेकिन अचानक परिस्थिति नियंत्रण से बाहर हो गयी। 23 अगस्त 2008 को विहिप नेता लक्षमणानंद
सरस्वती और उनके चार सहयोगियों की हत्या होने के बाद कंधमाल में जनजातीय ईसाईयों के खिलाफ
हिंसा की अप्रत्याशित घटनाएँ हुईं थी. ईसाईयों का मानना है कि हिंसा स्वःस्फूर्त प्रतिक्रिया
नहीं थी।