2011-11-17 15:45:06

संत पापा की बेनिन यात्रा से अफ्रीका में धर्म के प्रति बढती उदासीनता को रोकने में सहायता मिलेगी


वाटिकन सिटी 17 नवम्बर 2011 (सीएनए) संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें 18 से 20 नवम्बर तक अफ्रीकी देश बेनिन की यात्रा करेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए संस्कृति संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सचिव धर्माध्यक्ष बारथेलेमी अदोउकोनाउ ने कहा उनकी आशा है कि संत पापा की यात्रा से अफ्रीका को धर्म के प्रति बढती उदासीनता को रोकने में सहायता मिलेगी।
धर्माध्यक्ष अदोउकोनाउ ने कहा कि पश्चिमी जगत मे धर्म के प्रति उदासीन संस्कृति के कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि सम्पूर्ण मानवजाति को उसी दिशा में ले जायें और यह गलत दिशा है। धर्म के प्रति उदासीनता का प्रभाव, अफ्रीकी संस्कृति जो ईश्वर के प्रति बहुत खुली है इसके सहित अन्य संस्कृतियों के खिलाफ महान अन्याय है।
धर्माध्यक्ष अदोउकोनाउ बेनिन के दक्षिणी शहर अबोमेय के निवासी हैं तथा सन 1970 में रेगेनसबुर्ग विश्वविद्यालय में संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के विद्यार्थी रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेनिन के सबलोग - काथलिक और गैर काथलिक, संत पापा का खुशी और महान आशा के साथ प्रतीक्षा कर रहे हैं। बेनिनवासी संत पापा के आगमन की तैयारी एक सम्मेलन का आयोजन करते हुए कर रहे हैं जिसका लक्ष्य समाज के सामने प्रस्तुत समस्याओं पर चिंतन करना तथा जिन मुद्दों पर संभवतः संत पापा अपने विचार व्यक्त करेंगे उन पर ध्यान केन्द्रित करना है। संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें शुक्रवार को बेनिन के सबसे बड़े शहर कोतोनाऊ पहुंचेंगे। उनकी इस यात्रा का प्राथमिक उद्देश्य सन 2009 में सम्पन्न अफ्रीका के धर्माध्यक्षों की दूसरी धर्मसभा के बाद तैयार किये गये प्रेरितिक उदबोधन पर हस्ताक्षर कर उन्हें अफ्रीका के धर्माध्यक्षों को सौंपना है। यह दस्तावेज विशेष धर्मसभा के दौरान उठाये गये बिन्दुओं के लिए संत पापा का जवाब है ताकि अफ्रीकी में कलीसिया के भविष्य के लिए जो उपाय या मार्ग अपनाये जायें इसमें सहायता मिले।
धर्माध्यक्ष अदोकोनाउ ने कहा कि सन 2009 में संत पापा ने कहा था कि अफ्रीका की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समृद्धि दुनिया के लिए आध्यात्मिक फेफड़े के समान हैं। वे आज इसकी व्याख्या विस्तार से किये जाने को सुनने के इच्छुक हैं। उनका मानना है कि इस प्रकार की व्याख्या दुनिया के नागरिक समाज को राजनैतिक, आर्थिक और सामाजिक रूप रूप से मदद करेगी कि वे मानवजाति के फेफडे रूप में अफ्रीका की संस्कृति की इस परिभाषा की गहन समझदारी पा सकें। उनकी आशा है कि पाश्चात्य जगत का भौतिकवाद – ऐसी संस्कृति जो बहुधा धर्म विहीन तथा ईश्वर के साथ संबंध विहीन है, अन्य संस्कृतियों और अन्य देशों के लिए, उदाहरणार्थ अफ्रीका के देशों के लिए अस्वीकार्य है।
धर्माध्यक्ष अदोकोनाउ की आशा है कि संत पापा बेनेडिक्ट 16 वें के बेनिन के प्रेरितिक दौरा और प्रेरितिक उदबोधन से बेनिन में कलीसिया के जीवन को नई ऊर्जा मिलेगी तथा अफ्रीकी समाज को ऐसा दर्शन मिलेगा जो मेलमिलाप, शांति और न्याय पर आधारित भविष्य की रचना करने के लिए मदद करेगा।
बेनिन की आबादी लगभग 90 लाख है जिसमें काथलिकों की संख्या लगभग 30 लाख है।








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