संत पापा की बेनिन यात्रा का उद्देश्य सम्पूर्ण अफ्रीका महाद्वीप को प्रोत्साहन प्रदान
करना
वाटिकन सिटी 16 नवम्बर 2011 (जेनित) वाटिकन प्रेस प्रवक्ता फादर फेदेरिको लोम्बार्दी
ने सोमवार को एक प्रेस सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा है कि संत पापा की बेनिन यात्रा
का उद्देश्य सम्पूर्ण अफ्रीका महाद्वीप को प्रोत्साहन प्रदान करना है। यह संत पापा की
अफ्रीका की दूसरी यात्रा होगी। उन्होंने सन 2009 में अंगोला और कैमरून का दौरा किया था।
बेनिन में संत पापा की पहली प्राथमिकता अफ्रीका के धर्माध्यक्षों की दूसरी विशेष धर्मसभा
के बाद तैयार किये गये प्रेरितिक उदबोधन पर हस्ताक्षर कर उन्हें अफ्रीका के धर्माध्यक्षों
को सौंपना। राष्ट्रीय धर्माध्यक्षीय सम्मेलनों के 34 अध्यक्षों तथा महाद्वीप के क्षेत्रीय
सम्मेलनों के 7 प्रमुखों की उपस्थिति में दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने का समारोह सम्पन्न
होगा।
फादर लोम्बार्दी ने रेखांकित किया कि अफ्रीकी चर्च में बेनिन की अनूठी भूमिका
है। इस छोटे देश में यद्यपि काथलिकों की संख्या लगबग 90 लाख है लेकिन 150 वर्ष पूर्व
बेनिन में सुसमाचार का प्रचार हुआ और यहीं से पड़ोसी देशों टोगो, घाना और नाईजर में भी
ईसाई धर्म का प्रसार हुआ। उन्होंने कहा कि संत पापा की यात्रा से निस्संदेह अफ्रीकी चर्च
के लिए आशा का माहौल बनेगा तथा सम्पूर्ण महाद्वीप में उत्साह का संचार होगा। वर्तमान
समस्याओं के समाधान पर जोर दिया जायेगा लेकिन मेलमिलाप, न्याय और शांति के प्रति समर्पण
पर बल देते हुए सकारात्मक परिप्रेक्ष्य के तहत मानव के समग्र विकास के अंग रूप में सुसमाचार
की घोषणा की जायेगी। यह दौरा बहुत सृजनात्मक होना चाहता है।
इस यात्रा का एक
प्रमुख कार्यक्रम है स्वर्गीय कार्डिनल बेरनादिन गांतिन की समाधि का संत पापा द्वारा
दर्शन करना। सन 2008 में मरे कार्डिनल गांतिन लोगों के बीच बहुत लोकप्रिय हैं। वे कार्डिनल
मंडल तथा धर्माध्यक्षों के धर्मसंघ के अध्यक्ष रहे थे। उस समय संत पापा बेनेडिक्ट 16
वें विश्वास संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष थे।
फादर लोम्बार्दी ने कहा
कि बेनिन में स्वर्गीय कार्डिनल गांतिन राष्ट्रीय हीरो माने जाते हैं जिनके प्रति जनता
का बहुत प्यार है। इसी कारण से संत पापा द्वारा उनकी समाधि के दर्शन करना इस प्रेरितिक
यात्रा के सर्वाधिक सार्थक कार्यक्रमों में से एक है।