अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हमले को आतंकवाद माना जाये
मंगलोर कर्नाटक 10 नवम्बर 2011 (काथलिक न्यूज) कर्नाटक उच्च न्यायालय के भूतपूर्व न्यायाधीश
माइकेल फ्रांसिस साल्दान्हा ने मंगलवार को मंगलोर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा
कि भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ किये जानेवाले हमले आतंकी कृत्य हैं। उन्होंने
कहा कि आतंकवाद के अनेक स्वरूप हैं तथा अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमला निस्संदेह उनमें से
एक है। ज्ञात हो कि राज्य में मंगलोर शहर ईसाईयों का गढ़ है जहाँ तीन साल पहले अप्रत्याशित
रूप से ईसाईयों और ईसाई संस्थानों पर अनेक हमले किये गये थे। उन्होंने कहा कि वे दृढ़मत
हैं कि राज्य सरकार को इन हमलों को गंभीरता से लेनी चाहिए। न्यायाधीश साल्दान्हा
ने स्वतंत्र रूप से इन हमलों पर अनुसंधान किया था। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को सामान्य
अपराध नहीं लेकिन आतंक के कृत्यों के रूप में देखना चाहिए क्योंकि ये हमले सुनियोजित
तथा भड़कानेवाले थे। अमरीका और यूरोप का हाल में दौरा कर लौटे श्री सल्दान्हा ने
कहा कि अनेक विश्व नेताओं ने कर्नाटक में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा पर आश्चर्य प्रकट
किया था। श्री सल्दान्हा ने खेद व्यक्त किया कि हमलों के तीन साल बीत जाने के बाद भी
राज्य सरकार हमले के शिकार हुए लोगों को ही लक्ष्य बना रही है जबकि हमलावर स्वतंत्र रूप
से घूम-फिर रहे हैं।