सब धर्म शांति और एकता के चैनल बनें- कार्डिनल तुरान
पुणे भारत 8 नवम्बर (काथलिक न्यूज) अंतर धार्मिक वार्ता संबधी परमधर्मपीठीय समिति के
अध्यक्ष कार्डिनल ज्यां लुई तोरान भारत की यात्रा पर हैं। उन्होंने पुणे में लगभग 40
काथलिक और 30 हिन्दु धार्मिक नेताओं की सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि धर्मों का आह्वान
किया जाता है कि वे शांति और एकता के चैनल बनें न की संघर्ष या विभाजन का। लेकिन दुर्भाग्यवश
कुछेक स्वार्थी तत्वों के द्वारा धर्म के नाम पर समुदायों के मध्य अविश्वास फैलाने की
प्रवृत्ति पायी जाती है। पुणे के ज्ञानदीप विद्यापीठ में 6 से 9 नवम्बर तक अंतर धार्मिक
सम्मेलन का आयोजन किया गया है जिसका शीर्षक है- “Enhancing Hindu-Christian relations
and collaboration for justice, peace and harmony.” कार्डिनल तोरांन ने लोगों से
आग्रह किया कि वे एकता और शांति बनाये रखें तथा उन लोगों का साथ नहीं दें जो धर्म के
नाम पर समाज में नफरत, हिंसा और विभाजन को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि भिन्नताओं
के बावजूद हिन्दु धर्म और ईसाई धर्म में कुछ सामान्य मूल्य और दर्शन हैं। यथार्थ संबंध
भिन्नताओं का सम्मान करता है वे चाहे जो भी हों। कार्डिनल महोदय ने बैठक की सराहना करते
हुए इसे आशा का चिह्न कहा जो हर धर्म में विद्यमान सत्य, अच्छाई और पवित्र को मान्यता
प्रदान कर भरोसा और सहयोग की संस्कृति की रचना करता है। हिन्दु धार्मिक नेता स्वामी
श्रीकांतानन्द ने 19 वीं सदी के भारतीय धार्मिक नेता स्वामी विवेकानन्द के कथन का संदर्भ
देते हुए बल दिया कि अनेक धर्म ईश्वर तक पहुँचने के अनेक मार्ग हैं। उन्होंने कहा कि
ईसाई को हिन्दु या बौद्ध बनने या हिन्दु को ईसाई नहीं बनना है लेकिन हर व्यक्ति को अपनी
अस्मिता को बरकरार रखते हुए अन्यों की भावना को आत्मसात करते हुए दूसरों की सेवा करने
में बढ़ना है। अंतर धार्मिक वार्ता संबंधी परमधर्मपीठीय समिति के सदस्य तथा पूना
के धर्माध्यक्ष थोमस डाबरे ने कहा कि भारत बहुसांस्कृतिक और बहुधार्मिक समाज है जहाँ
अंतर-धार्मिक संवाद एक जीवन शैली बने।