2011-11-05 13:22:02

‘जान की परवाह न कर, मदद करो’


मुम्बई, 5 नवम्बर, 2011 (बीबीसी) अपनी महिला दोस्तों के साथ छेड़छाड़ का विरोध करने का ख़मियाज़ा एक कैथलिक, वैलेरियन सांटोस के बेटे कीनन और उसके दोस्त रूबेन ने जान देकर चुकाया।
घटना के अनुसार 20 अक्तूबर की रात को मुंबई के अंबोली इलाके में कीनन सांटोस और रूबेन फ़र्नांडेज़ ने जब अपनी महिला मित्रों के साथ कुछ लोगों की बदतमीज़ी का विरोध करने की हिम्मत दिखाई, तो उन पर हमला किया गया।
इसी मारपीट में बुरी तरह से ज़ख़्मी 24 वर्षीय कीनन की मृत्यु उसी दिन हो गई थी जबकि 31 अक्तूबर को रूबेन (28) की अस्पताल में मृत्यु हुई।
कीनन के पिता वैलेरियन कहा अपने बेटे की जान बिना किसी वजह जाने का दुःख है, लेकिन वे चाहते हैं कि नके छोटे बेटे भी बड़े भाई की ही मुश्किल में पड़े लोगों की मदद करें।
उन्होंने कहा "मेरे 18 साल के जुड़वां बेटे भी हैं. मैंने उनको कहा है कि अगर कहीं भी भ्रष्टाचार देखो या किसी महिला या किसी भी व्यक्ति को मुश्किल में देखो, तो अपनी जान की परवाह न करते हुए उनकी मदद करो।"
कीनन और रूबेन के दोस्तों का कहना है कि तमाम भीड़ के बावजूद कोई उनकी मदद के लिए सामने नही आया।
पुलिस ने घटना में शामिल चार कथित आरोपियों की पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया था और गुरूवार को इनकी मुंबई की एक अदालत में पेशी हुई।









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