मनीला, 4 नवम्बर, 2011. (एशियान्यूज़) फिलीपीन्स की सरकार ने एक महत्त्वपूर्ण निर्णय
में भारत सहित 41 देशों में अपने श्रमिक नहीं भेजेगा जहाँ की राजनीतिक स्थिति अस्थिर
है या जहाँ मजदूरों का शोषण होता है।
विदेश मंत्रालय के महासचिव अल्बर्ट देल
रोजारियो ने कहा, " जिन देशों के नामों की सूची जारी की गयी है उनपर किसी प्रकार का मूल्यनिरुपण
नही किया गया है। वे चाहते हैं कि सभी सरकारी सूत्र जो मजदूर सुरक्षा और कल्याण के लिये
कार्य करते हैं और वे इस बात को भी जानें और उनके लिये यह एक मापदंड के रूप में कार्य
करे।" कई राजनीतिक पार्टियों ने सरकार की आलोचना की है । भारत सरकार ने भी इस इस
पर नाराजगी दिखलायी है। विदित हो व्यवसाय के क्षेत्र में भारत का फिलीपींस के साथ एक
अरब से अधिक अमेरिकी डॉलर का कारोबार है।
फिलीपीन सरकार ने विदेशों में कार्यरत
अपने 10 लाख प्रवासियों की सुरक्षा के लिये राष्ट्रों को आमंत्रित किया है कि वे प्रवासी
समझौता ‘रिपब्लिक ऐक्ट 10022’ पर हस्ताक्षर करें। उनका मानना है कि इस समझौते द्वारा
फिलीपिनो श्रमिकों के अधिकार की रक्षा संभव हो पायेगी।
41 देशों की सूची
में भारत सहित अफगनिस्तान, लीबिया, सुडान, कम्बोडिया और अरब देश देश शामिल हैं।
ग़ौरतलब
है कि चीन और भारत के बाद फिलीपिनो प्रवासी श्रमिकों की संख्या विश्व में तीसरे नम्बर
पर है।
एशियान्यूज़ के अनुसार प्रत्येक दिन करीब 2 हज़ार फिलीपीनो अपने देश
छोड़ कर अमेरिका, यूरोप और अरब देशों के लिये प्रस्थान करते हैं।
सन् 2008 में
विभिन्न शोषण और धार्मिक उत्पीड़नों के बावजूद 6 लाख फिलीपिनो मध्यपूर्वी देशों में रोज़गार
की तलाश में प्रस्थान किये।