चर्च केन्द्र द्वारा हिन्दू और मुसलमान दम्पतियों को सुखद वैवाहिक जीवन जीने के लिए मदद
कोलकाता 3 नवम्बर 2011 (उकान) कोलकाता के निकट कौनचौकि स्थित ध्यान आश्रम में 29 और
30 अक्तूबर को सम्पन्न कार्यशाला से न केवल ईसाई लेकिन हिन्दू और मुसलमान दम्पतियों को
सुखद वैवाहिक जीवन जीने के लिए सहायता मिल रही है। परिवार ज्योति नामक इस कार्यशाला,
सेमिनार और उपवास से विवाहित जोड़ों को एक दूसरे के प्रति निष्ठावान बने रहने के लिए
मदद मिल रही है। कार्यशाला में शामिल होनेवाले मुसलमान मोहम्मद गुलाम रसूल हलदर ने कहा
इस कार्यशाला से उन्हें अपनी पत्नी के साथ संबंध की गहराई में जाने के लिए मदद मिली।
दर्शनशास्त्र के लेक्चरर हलदर और उनकी पत्नी सहित तीन हिन्दु दम्पतियों ने 29 से
30 अक्तूबर तक आयोजित कार्यशाला में भाग लिया। उन्होंने कहा कि दम्पतियों का खुले रूप
से निजी और अन्य समस्याओं पर विचार विमर्श नहीं कर पाने से परिवार का स्थायित्व प्रभावित
हो रहा है। हिन्दु महिला चंदना मंडल ने कहा कि लम्बे समय के बाद भी वैवाहिक संबंध टूट
जाते हैं क्योंकि दम्पति एक दूसरे के साथ गलतफहमियों को दूर करने का साहस नहीं कर पाते
हैं। उन्होंने कहा कि जो दम्पति अपनी समस्याओं का समाधान करते हैं वे सुखी वैवाहिक जीवन
जीते हैं। ईसाई धर्मानुयायी रूपचंद वैद्य ने कहा कि इन कार्यशालों ने उनके पारिवारिक
जीवन को बचा लिया जो विवाह के दो वर्ष बाद ही टूटने की कगार पर था। उन्होंने उकान समाचार
सेवा से कहा कि इन कार्यशालाओं ने उन्हें समस्याओं को समझने तथा वैवाहिक संबंध को मजबूती
प्रदान करने के लिए मदद की। अब बैद्य अपनी पल्ली में मसीही जीवन समुदायों को संगठित करने
के कार्यक्रमों में सहायता करते हैं। केन्द्र का संचालन करनेवाले 66 वर्षीय फादर
प्रदीप राय ने कहा कि थोड़ी सी उत्तेजना पर ही विवाह टूट जाते हैं और यह केन्द्र दम्पतियों
के मध्य बंधन को मजबूती प्रदान करने का प्रयास करता है। सन 2001 में आरम्भ यह केन्द्र
धर्मप्रांतीय पारिवार आयोग की गतिविधियों का संयोजन करता है। यह प्रतिमाह कार्यशालाओं,
उपवास और मनन चिंतन द्वारा सब धर्म के लगभग 100 दम्पतियों को सहायता प्रदान करता है।