बैंगलोरः नैतिकता की कमी के कारण मौजूदा अर्थव्यवस्था ख़राब, कार्डिनल ग्रेशियस
बैंगलोर, 02 नवम्बर सन् 2011 (कैथन्यूज़): मुम्बई के काथलिक धर्माधिपति तथा एशियाई धर्माध्यक्षीय
सम्मेलनों के संघ के नवनियुक्त महासचिव कार्डिनल ऑसवर्ल्ड ग्रेशियस ने कहा है कि व्यक्तियों
एवं संगठनों में नैतिकता की कमी मौजूदा वैश्विक आर्थिक मन्दी के लिये ज़िम्मेदार है।
बैंगलोर में, 28 अक्टूबर को, "मज़बूत वैश्विक अर्थ व्यवस्था की ओर" विषय पर सम्पन्न
अन्तरराष्ट्रीय विचारगोष्ठी को सम्बोधित कर कार्डिनल ग्रेशियस ने कहा, "वैश्विक अर्थव्यवस्था
के समुचित कार्यान्वयन के लिये मौलिक मूल्यों तथा विश्वास एवं तर्कणा पर आधारित नैतिक
नियमों की आवश्यकता है।"
बैंगलोर स्थित धर्माराम विद्या क्षेत्रम् तथा
वाटिकन की संस्कृति सम्बन्धी परमधर्मपीठीय समिति के तत्वाधान में इस तीन दिवसीय विचार
गोष्ठी का आयोजन किया गया था।
विचारगोष्ठी में भागलेनेवाले धर्माध्यक्षों, पुरोहितों,
धर्मबहनों एवं लोकधर्मियों को सम्बोधित कर कार्डिनल महोदय ने कहा, "प्रभावशाली ढंग से
काम करने के लिये वैश्विक व्यापार समुदाय को व्यावसायिक नैतिकता की आवश्यकता है जिसे
ज़िम्मेदाराना कम्पनी प्रशासन तथा समन्वयक सामाजिक ज़िम्मेदारी को बढ़ावा देनेवाली नीतियों
के साथ सम्मिलित करना पड़ेगा।"
उन्होंने कहा कि सरकारों को चाहिये कि वे,
व्यापार समुदाय को, नैतिकता की दृष्टि से ग़लत कामों तथा ख़राब सामाजिक और पर्यावरणीय
प्रदर्शन के लिए जवाबदेह मानें।