2011-11-02 13:38:25

बुधवारीय - आमदर्शन समारोह के अवसर पर
संत पापा का संदेश
2 नवम्बर, 2011
मृत विश्वासियों की स्मृति में


रोम, 2 नवम्बर, 2011 (सेदोक, वी.आर) बुधवारीय आमदर्शन समारोह में संत पापा बेनेदिक्त सोलहवें ने वाटिकन सिटी में अवस्थित पौल षष्टम् सभागार(औला नेरवी) में एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों एवं विश्वासियों को विभिन्न भाषाओं में सम्बोधित किया।

उन्होंने अंग्रेजी भाषा में कहा - मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, संतो के महोत्सव मनाने के बाद कलीसिया आज हमें आमंत्रित करती है कि मृत विश्वासियों के लिये प्रार्थना करें।

प्रत्येक वर्ष दो नवम्बर को मृतकों की याद करते हुए हम कब्रस्थान जाते हैं और मृत्यु के रहस्य पर चिन्तन करते हुए येसु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा दिये गये अनन्त जीवन में अपने विश्वास को मजबूत करते हैं।

हमारा विश्वास हमें इस बात को बतलाता है कि मृत्यु के भय के अंधकार को अनन्त जीवन की आशा को आलोकित करती है और यही हमारे जीवन को पूर्ण अर्थ प्रदान करता है।
ईश्वर जो प्रेम है हमें अपने पुत्र येसु मसीह के पुनरुत्थान द्वारा अनन्त जीवन की आशा प्रदान करता है। येसु की मृत्यु अब एक अनन्त गर्त्त के रूप में दिखाई नहीं पड़ती है पर यह एक ऐसी पथ है जो अनन्त जीवन देता है।

येसु मसीह जीवन और पुनरुत्थान हैं; जो भी उसमें विश्वास करे वह कभी नहीं मरेगा। प्रत्येक रविवार जब हम अपने विश्वास के रहस्य को प्रकट करते हैं तो हम इसी बात को दृढ़ता से दुहराते हैं

आज जब हम मृत विश्वासियों की याद करते हैं तो हमें उनके साथ एक होकर, संतों के साथ संयुक्त हो जायें और हमारा विश्वास हमें इस बात के लिये प्रेरित करे कि येसु मसीह का अनुकरण निकटता से करें और ऐसी दुनिया का निर्माण करें जो सबों की आशा को सुदृढ़ करे।

इतना कह कर संत पापा ने अपना संदेश समाप्त किया।

उन्होंने, टोक्यो के संत पौल हाई स्कूल के तीर्थयात्रियों, अमेरिका के पोन्तिफिकल नॉर्थ अमेरिकन कॉलेज के पुरोहितों, आयरलैंड, डेनमार्क नोर्वे के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों एवं उनके परिवार के सब सदस्यों पर प्रभु की कृपा और शांति का कामना करते हुए उन्हें अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
















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