वाटिकन सिटीः सब सन्तों का महापर्व, देवदूत प्रार्थना से पूर्व सन्त पापा ने पवित्रता
पर चिन्तन किया
वाटिकन सिटी, 01 नवम्बर सन् 2011 (सेदोक): पहली नवम्बर को काथलिक कलीसिया सब सन्तों का
महापर्व मनाती है। इस उपल्क्ष्य में सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने सन्त पेत्रुस महागिरजाघर
के प्राँगण में एकत्र भक्तों के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। इस प्रार्थना से पूर्व
दिये सन्देश में सन्त पापा ने पवित्रता पर चिन्तन किया तथा कहा कि सभी विश्वासी पवित्र
होने के लिये बुलाये गये हैं।
सन्त पापा ने कहा कि सब सन्तों का पर्व हमें, समय
की सीमाओं में बँधी, धरती की वास्तविकता पर मनन करने तथा अपनी दृष्टि ईश्वर एवं अनन्त
जीवन पर लगाने हेतु आमंत्रित करता है। उन्होंने कहा कि पवित्रता को प्राप्त करने के लिये
कलीसिया एक मार्ग है जिसे हम मात्र उसकी भौतिक एवं मानवीय संरचना की दृष्टि से न देखें
बल्कि सन्तों की सहभागित के रूप में उसे देखें जैसा कि प्रभु येसु ख्रीस्त ने चाहा है।
सन्त पापा ने कहा कि सभी ख्रीस्तीय धर्मानुयायी बपतिस्मा के दिन से ही कलीसिया की और
सन्तों की सहभागिता में प्रवेश पा लेते हैं और इसी का पर्व हम आज मना रहे हैं। उन्होंने
कहा कि पवित्रता में आगे बढ़ने का अर्थ है प्रभु ख्रीस्त के आदेशों पर चलना तथा उनके
सुसमाचार के अनुकूल अपने भाई और पड़ोसी से उसी प्रकार प्यार करना जैसा कि स्वयं येसु
ने अपना जीवन अर्पित कर हमसे प्यार किया है।
दो नवम्बर को मनाये जानेवाले मृतकों
के स्मृति दिवस के सन्दर्भ में सन्त पापा ने कहा कि यह दिन हमें अपने उन सगे सम्बन्धियों
एवं मित्रों का स्मरण कराता है जो इस विश्व को छोड़ गये हैं तथा अनन्त जीवन की ओर अग्रसर
हैं। उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय धर्म के आरम्भिक समय से ही कलीसिया, येसु ख्रीस्त के
रहस्यमय शरीर में निहित सहभागिता को पहचानते हुए मृतकों का स्मृति दिवस मनाती आई है।
अस्तु, मृतकों के लिये हमारी प्रार्थना उपयोगी ही नहीं ज़रूरी भी है क्योंकि मृतक हमारे
लिये भी मध्यस्थता करते हैँ। इसी तरह कब्रस्तान की भेंट हमें अपने स्नेही जनों को मिलने
का मौका देती और साथ ही याद दिलाती है कि हम सब एक दिन मृत्यु के बाद दूसरे जीवन में
प्रवेश करेंगे। उन्होंने कहा कि मृतक जन की दूरी इसीलिये हमारा विलाप न बने बल्कि पुनःरुत्थान
में विश्वास के आधार पर अनन्त जीवन पाने की निश्चित्त आशा बने।
स्वर्गिक धाम
की ओर जारी मानवजाति तीर्थयात्रा को सन्त पापा ने मरियम के सिपुर्द किया तथा सभी मृतकों
के लिये मरियम मध्यस्थता की याचना की। तदोपरान्त देवदूत प्रार्थना का पाठ कर सबको अपना
प्रेरितिक आशीर्वाद प्रदान किया।