रोम, इटली 22 अक्तूबर, 2011 (सीएनए) धन्य जोन पौल द्वितीय को 1 मई 2010 की धन्य घोषणा
समारोह के बाद 22 अक्तूबर शनिवार को उनके पहले पर्व दिवस के शुभअवसर पर रोमवासियों ने
उन्हें याद किया। रोम में आयोजित मुख्य समारोहों में संत पेत्रुस महागिरजाघर से एक
शोभायात्रा निकाली गयी जो चार घंटे के बाद संत जोन लतेरानो में जाकर समाप्त हुई। इस शोभायात्रा
की अगवाई रोम धर्मप्रांत के विकर कार्डिनल अगोस्तिनो वाल्लिनी ने की और यूखरिस्तीय बलिदान
की अध्यक्षता भी की। उधर धन्य जोन पौल के व्यक्तिगत सचिव कराकोव के कार्डिनल स्तानिस्लाव
डिजीविस्कने पर्व की पूर्व संध्या पर संत पेत्रुस महागिरजाघर में ही धन्य जोन पौल की
यादगारी में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया जिसमें करीब 200 पुरोहित कई धर्माध्यक्ष और कार्डिनलों
ने हिस्सा लिया। अपने प्रवचन में पोलिश कार्डिनल ने कहा कि धन्य जोन पौल द्वितीय
नये सुसमाचार प्रचार के कार्य के प्रेरक बन सकते हैं। उन्होंने कहा, " जिस कार्य को धन्य
जोन पौल द्वितीय ने तीसरी सहस्राब्दि में आरंभ किया उसके लिये हम अपने जीवन को समर्पित
कर सकते हैं। समाचार के अनुसार शनिवार को कार्डिनल कामास्तरी ने रोम के ‘डिवाइन लव’
नामक तीर्थस्थल में एक मिस्सा अर्पित किया तथा धन्य जोन पौल द्वितीय की एक मोजाइक चित्र
का अनावरण किया। रोम शहर के दक्षिण में अवस्थित इस तीर्थस्थल का दौरा धन्य जोन पौल
द्वितीय अक्सर किया करते थे। संत पेत्रुस महागिरजाघर के निकट साचिया के सान्तो स्पीरितो
गिरजाघर में भी प्रार्थना और चिन्तन का आयोजन किया गया था। इसमें भी हज़ारों की संख्या
में तीर्थयात्रियों ने हिस्सा लिया जिनमें अधिकतर लोग पोलैंड के थे। यह तीर्थस्थल भी
‘दिवाइन मर्सी’ को समर्पित है। धन्य जोन पौल को संत बनाये जाने के लिये कार्य कर
रहे पोलिश पुरोहित फादर सलावोमिर ओदेरने वाटिकन रेडियो को बताया कि धन्य जोन पौल को समर्पित
पहला पर्वोत्सव उनके लिये विशेष कृपा लेकर आया जो शिशु पाने के मनोरथ को पूरा करना चाहते
हैं। उन्होंने बतलाया कि धन्य जोन पौल द्वितीय की मध्यस्थता से प्रार्थना करने से
कई बच्चो का जन्म हुआ जिन्हें ‘कारोलोसस’, ‘कारोलिनास’ या ‘जोन पौलस’ आदि नाम दिये गये
हैं।