22 अक्तूबर धन्य जोन पौल द्वितीय का प्रथम पर्व दिवस
रोम, 22 अक्तूबर, 2011 (ज़ेनित) काथलिक कलीसिया ने 22 अक्तूबर शनिवार को धन्य जोन पौल
द्वितीय का पर्व दिवस मनाया। 22 अक्तूबर सन् 1978 ईस्वी को ही कार्डिनल कारोल वोयतिवा
से संत पापा जोन पौल द्वितीय के रूप में स्थापित किये गये थे।
रेडियो वाटिकन
ने पोलिस पोप की दो विशेषताओं को याद किया।
संत पापा की प्रेरितिक यात्राओं के
आयोजक रहे कार्डिनल रोबेर्तो तुची ने रेडियो वाटिकन को दिये अपने साक्ष्तात्कार में
संत पापा के ‘प्रार्थनामय जीवन’ पर बल दिया और दूसरी विशेषता की चर्चा संत पापा जोन पौल
द्वितीय की जीवनी लेखक जोर्ज वेईगेल और जोन अलेन ने की।
उनके अनुसार संत पापा
जोन पौल बहुत ‘अनवरत उत्सुक’ व्यक्ति रहे। जोर्ज ने कहा कि संत पापा जोन पौल द्वितीय
ईश्वर की दिव्य कृपा पर पूर्ण आस्था रखते थे।
उनका यह दृढ़ विश्वास था कि ईश्वर
इतिहास में कार्यरत हैं और इसीलिये वे दुनिया की घटनाओं के बारे में जानना चाहते थे ताकि
इन घटनाओं से उन्हें आश्चर्यजनक रूप से अंतःप्रेरणा और दिव्य दृष्टि प्राप्त होती थी।
अपने साक्षात्कार में एलेन ने संत पापा जोन पौल द्वितीय को एक शक्तिशाली ‘कम्यूनिकेटर’
या संचारक रूप में पाया।