कन्धामाल, 19 अक्टूबर सन् 2011 (कैथन्यूज़): उड़ीसा में फूलबनी की एक फास्ट ट्रैक अदालत
ने दस व्यक्तियों को, कन्धामाल ज़िले में, सन् 2008 के दौरान, ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा
में लिप्त रहने के आरोप में, पाँच साल की सश्रम सज़ा सुनाई है।
अपर सत्र के न्यायाधीश
सोवन कुमार दास ने 18 अक्टूबर को उक्त पाँच व्यक्तियों पर 2000 रुपये का जुर्माना भी
लगा दिया।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक, अपराधी, आदिवासी बहुल कन्धामाल ज़िले के
दालागाओ गाँव में सितम्बर 2008 को हुई साम्प्रदायिक हिंसा में लिप्त थे। इन्होंने ख्रीस्तीय
आदिवासियों के घरों को आग के हवाले किया था।
ग़ौरतलब है कि अगस्त 2008 में
विहिप नेता लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या के बाद कंधमाल में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई
थी। इस हिंसा में लगभग एक सौ ख्रीस्तीय धर्मानुयायी मारे गये थे, ख्रीस्तीयों के मकानों
एवं उनकी संस्थाओं को आग के हवाले कर दिया गया था। हिंसा के कारण लगभग पचास हज़ार ख्रीस्तीय
धर्मानुयायी विस्थापित हुए हैं जो अब तक अपने घरों को लौट नहीं पाये हैं।