2011-10-17 14:43:35

धार्मिक स्वतंत्रता के लिये अभियान निहायत ज़रूरी


नई दिल्ली,17 अक्तूबर, 2011(कैथन्यूज़) सोलिडारिटी फोरम ने 13 अक्तूबर को राष्ट्रीय सलाहकारों की एक सभा बुलायी जिसमें इस बात पर बल दिया गया कि नागरिक विकास संगठनों को एकजुट होकर भारत में धार्मिक स्वतंत्रता के लिये अभियान छेड़ने की आवश्यकता है।

प्रतिनिधियों ने सलाह दी है कि भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर एक रिपोर्ट तैयार की जायेगी और इसे संयुक्त राष्ट्र संघ सौंप दिया जायेगा ताकि इसका विश्व स्तरीय सामयिक पर्यवेक्षण के लिये प्रस्तुत किया जा सकेगा।

इस सभा में इस बात की भी चर्चा हुई कि मुसलमान समुदाय के नेताओं को संपर्क किया जायेगा ताकि मुस्लिम समुदाय के बारे में अलग से एक रिपोर्ट तैयार किया जा सके।

प्रतिनिधियों ने इस बात पर एकजुटता दिखायी कि दलित ईसाइयों और मुसलमानों के प्रति हो रहे भेदभाव को भी प्रखरता से उज़ागर किया चाहिये।

उन्होंने कहा कि संविधान में अल्पसंख्यकों के लिये बनाये गये प्रावधान एवं सुविधाओं तथा प्रशासन में उनकी भागीदारी से अल्पसंख्यकों को वंचित किये जाने का भी स्पष्ट व्योरा तैयार किये जाने की आवश्यकता है।

सभा इस बात पर भी बल दिया गया कि एक रिपोर्ट तैयार की जाये जिसमें ईसाई बहुल और ईसाइयों की अल्पसंख्या वाले क्षेत्रों के बारे में विस्तृत जानकारी हो।

सलाहकारों की सभा में कई काथलिक पुरोहित और धर्मसमाजी बहनें भी उपस्थित थीं उन्होंने उड़ीसा और कर्नाटक में कथित बलपूर्वक धर्मपरिवर्तन के आरोपों और चरमपंथी आक्रमणों के बारे में चिंता जतायी।









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