वाटिकन सिटीः सन्त पापा ने मिस्र में सभी के सम्मान का आह्वान किया
वाटिकन सिटी, 13 अक्टूबर सन् 2011 (सेदोक): रोम के सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण
में बुधवार को आम दर्शन समारोह के अवसर पर सन्त पापा बेनेडिक्ट 16 वें ने मिस्र में ख्रीस्तीय
विरोधी हिंसा के प्रति गहन चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मिस्र में सभी के, विशेष
रूप से, अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान अनिवार्य है।
सन्त पापा ने कहा
कि विगत रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा में हुई ख्रीस्तीय विरोधी हिंसा ने उन्हें
दुख पहुँचाया है तथा वे प्रत्येक के मानवाधिकारों के सम्मान के पक्ष में कार्यरत मिस्र
के सभी प्रशासनाधिकारियों एवं धार्मिक नेताओं का समर्थन करते हैं।
रविवार की
हिंसा के शिकार लोगों के प्रति गहन सहानुभूति का प्रदर्शन करते हुए सन्त पापा ने कहा
कि प्रार्थना में वे पीड़ित परिवारों के समीप हैं। उन्होंने कहा कि वे, "हिंसा के शिकार
परिवारों एवं सम्पूर्ण मिस्र वासियों के कष्ट के समीप हैं जो समुदायों के बीच विद्यमान
शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को भंग करनेवालों से पीड़ित हैं।" उन्होंने कहा कि पारगमन के इस
क्षण में शांतिपूर्ण सहअस्तित्व को बनाये रखना नितान्त आवश्यक है किन्तु कुछ लोग इसे
भंग करना चाहते हैं।
मिस्र में शांति के लिये प्रार्थना का अनुरोध करते हुए सन्त
पापा ने कहा, "मैं विश्वासियों से अर्ज़ करता हूँ कि समाज न्याय, स्वतंत्रता तथा प्रत्येक
नागरिक की प्रतिष्ठा के सम्मान पर आधारित यथार्थ शांति का आनन्द प्राप्त कर सके।"
मिस्र
की कुल आबादी का दस प्रतिशत ख्रीस्तीय धर्मानुयायी है। इनमें अधिकांश ऑरथोडोक्स कॉप्टिक
कलीसिया के सदस्य हैं।