रोमः कॉप्टिक चर्च द्वारा मासपेरो हिंसा की निन्दा और ख्रीस्तीयों को आराधना स्थलों का
आश्वासन देने हेतु कानून की मांग
रोम, 12 अक्टूबर सन् 2011 (सेदोक): कॉप्टिक ऑरथोडोक्स चर्च की धर्माध्यक्षीय धर्मसभा
ने, रोम स्थित मिस्र के राजदूतावास को एक फैक्स सन्देश प्रेषित कर रविवार को, मिस्र में,
मासपेरो टेलेविज़न भवन के समक्ष हुई हिंसा पर दुख और आश्चर्य व्यक्त किया है।
पोप
शिनोडा द्वितीय के नेतृत्व में, 10 अक्टूबर के सन्देश में, धर्मसभा ने लिखा, "शांतिपूर्ण
प्रदर्शन करनेवालों पर आक्रमण क्रूर एवं निन्दनीय है। ख्रीस्तीय धर्म हर प्रकार की हिंसा
का बहिष्कार करता है।"
इस बात पर धर्मसभा ने गहन चिन्ता व्यक्त की कि प्रदर्शन
के समय कई अज्ञात हमलावर घुस आये और अब कॉप्टिक ख्रीस्तीयों पर उन अपराधों का आरोप लगाया
जा रहा है जिसके वे ज़िम्मेदार नहीं हैं।
इस बीच, सोमवार दस अक्टूबर को ही रोम
स्थित मिस्र के राजदूतावास में भेजे एक अन्य सन्देश में मिस्र स्थित अल अज़हर विश्वविद्यालय
के प्रधान शेख़ डॉ. अहमद अल तायेब तथा वहाँ के वरिष्ठ ऊलेमाओं ने समाज के राष्ट्रीय जाल
को बरकरार रखने के लिये नागरिकता के सिद्धान्त को लागू करने के महत्व पर बल दिया।
मिस्र
सरकार का उन्होंने आह्वान किया कि गिरजाघरों एवं अन्य आराधना स्थलों के निर्माण की व्यवस्था
से सम्बन्धित कानून को वह पारित करे तथा मिस्र के सभी नागरिकों को समान अधिकार प्रदान
करने हेतु ठोस कदम उठाये।
उन्होंने कहा कि मासपेरो की हिंसक घटनाओं का साम्प्रदायिकता
से कोई सम्बन्ध नहीं है क्योंकि मिस्र के मुसलमान और ख्रीस्तीय राष्ट्रीय एकता के प्रतीक
हैं।