2011-10-11 11:36:30

रोमः मिस्र सरकार की निषिक्रियता से भड़की हिंसा, कहना कलीसियाई नेताओं का


रोम, 11 अक्टूबर सन् 2011 (ज़ेनित): मिस्र में, इस्लामी चरमपंथियों द्वारा एक गिरजाघर को आग के हवाले करने के बाद, रविवार को आयोजित शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हिंसक हो उठा। कलीसियाई नेताओं का कहना है कि हिंसा और रक्तपात का सबसे बड़ा कारण सरकार की निष्क्रियता है।

गिज़ा के धर्माध्यक्ष अन्तोनियुस मीना ने सोमवार को वाटिकन रेडियो से कहा, "मुख्य प्रश्न कानून की व्यवस्था का है।"

हिंसा में लगभग 20 लोगों की मृत्यु हो गई तथा 200 से अधिक लोग घायल हो गये हैं।

मिस्र में काथलिक ग्रीक मैलकाईट चर्च के प्रवक्ता फादर रफ़ीक ग्राईखे ने वाटिकन रेडियो से कहा कि हिंसा "गिरजाघरों एवं मस्जिदों सहित सभी आराधना स्थलों को नियम के अधीन करने वाले कानून को लागू करने में सरकार की असफलता का परिणाम है। इसे लागू करने का सरकार ने कई माहों पूर्व वादा किया था।"

मारे गये लोगों में कम से कम 17 कॉप्टिक ख्रीस्तीय धर्मानुयायी हैं।

फादर ग्राईखे ने स्पष्ट किया कि रविवार का प्रदर्शन, अस्वान स्थित गिरजाघर पर आक्रमण एवं धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा के प्रश्न पर, सरकार की निष्क्रियता के विरोध में आयोजित किया गया था। उन्होंने बताया कि प्रदर्शनकारियों पर हथियारों से लैस आदमियों ने हमला किया और उसके बाद सेना ने हस्तक्षेप किया। सेना के एक टैंक ने प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया जिसमें कई कुचल गये।

जर्मनी की लोकोपकारी संस्था "एड टू द चर्च इन नीड" से बातचीत में उन्होंने कहा, "हम सरकार और सेना पर आरोप लगाते हैं जिन्होंने प्रदर्शनकारियों पर हमले के लिये ठगों और बदमाशों का उपयोग किया। वे तलवारों, लाठियों एवं पत्थरों से लैस थे।"

फादर ग्राईखे ने कहा कि रविवार की हिंसा एक अकेली हिंसक घटना नहीं है क्योंकि आये दिन इस्लामी चरमपंथी हिंसक घटनाओं को अनजाम देते हैं। उन्होंने कहा कि इस समय केवल ख्रीस्तीय धर्मानुयायी ही नहीं अपितु कुछ मुसलमान भी देश के भविष्य पर चिन्तित हैं।








All the contents on this site are copyrighted ©.