2011-10-08 13:18:59

स्कूल, बच्चों को शिक्षा और संस्कार दे


वाटिकन सिटी, 8 अक्तूबर, 2011(ज़ेनित) परमधर्मपीठीय परिषद कोर उनुम के अध्यक्ष कार्डिनल रोबर्ड साराह ने कहा है कि भविष्य में होर्न ऑफ अफ्रीका जैसी भुखमरी की समस्या से बचने के लिये अफ्रीकी समुदाय के लिये अधिक संख्या में स्कूलों का खोले जाने की ज़रूरत है।

कोर उनुम के अध्यक्ष ने उक्त बातें उस समय कहीं जब उन्होंने रोम में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में होर्न ऑफ अफीका में हुए गंभीर मुखमरी की समस्या का विश्लेषण किया।

अफ्रीकी कार्डिनल ने रोबर्ट साराह ने कहा, " संत पापा ने सूखे और भुखमरी की समस्या के समाधान के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सहायता की अपील करने वाले प्रथम व्यक्ति है।"

उन्होंने 17 जुलाई, 2011 को पहली बार इसके बारे में चर्चा की और दो दिन बाद उन्होंने बुधवारीय आमदर्शन समारोह में अपने संदेश देते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मदद के लिये कदम उठाने की अपनी अपील को दुहराया।"

कार्डिनल ने कहा, संत पापा चाहते हैं कि विश्वासी उन्हें न भूलें जो विपत्तियों का सामना कर रहे हैं।"

राष्ट्रों की ओर इंगित करते हुए कार्डिनल कहा, " राष्ट्र जब कोई नीति बनायें तो सिर्फ़ अपने हित की बातें न सोचें पर इस बात से प्रेरित हों कि उनकी नीतियों से सचमुच सार्वजनिक हित हो।"

उन्होंने कहा, " केवल सार्वजनिक हित की भावना ही समाज को दो भागों में बँटने अर्थात् विजेता और हारनेवाले एवं शोषक और शोषित या पीड़ित बनने से बचा सकता है।"

उन्होंने कहा, " मानव और समाज को एक नये रूप में देखे जाने की आवश्यकता है जहाँ आर्थिक मूल्य मह्त्वपूर्ण हैं पर सब अच्छाई और बुराई के संबंध में निर्णय के लिये इसे मापदंड नहीं बनाया जा सकता।"

कार्डिनल रोबर्ट ने कहा, " विकास के लिये ज़रूरी है - शिक्षा। उन्होंने कहा कि इस मानवीय आपातकालीन स्थिति के पीछे बहुत सारी बातें हैं जिन्होंने सूखे और मुखमरी के संकट को गंभीर बना दिया है वे हैं - आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव, आपातकालीन स्थिति के निपटारे के लिये सक्षम एवं जानकार व्यक्तियों का अभाव, बेरोज़गारी और स्थानिक ग़रीबी।"

कार्डिनल रोबर्ट ने कहा, " यदि इन समस्याओं का निदान नहीं ढूँढ़ा गया तो एक दिन अफ्रीकी अपनी जीविका के लिये देश छोड़ेंगे शर्णार्थी बनेंगे, घर नौकरी और समुदायहीन अवैध प्रवासी बनेंगे और एक पूरी पीढ़ी का ही विनाश हो जायेगा।"

कार्डिनल ने बल देकर कहा कि वे एक अफ्रीकी के रूप में लोगों से अपील करते हैं कि " प्रत्येक गाँव में एक स्कूल हो जो बच्चों को शिक्षा और उचित संस्कार दे।"



















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