लोस एंजिल्स अमरीका 5 अक्तूबर (2011 जेनित) वाटिकन में पुरोहितों के धर्मसंघ के अध्यक्ष
कार्डिनल माउरो पियाचेन्सा ने सोमवार को लोस एंजिल्स महाधर्मप्रांत के पुरोहितों के साथ
सम्पन्न बैठक के समय उन्हें सम्बोधित करते हुए 21 वीं सदी में एक पुरोहित की प्रोफाइल
या रूपरेखा कैसी हो इसपर चर्चा करते हुए कहा कि कलीसिया के लिए वास्तव में युद्ध क्षेत्र
मनुष्य की आत्मा की रहस्यमय भूमि है। इस भूमि में पुरोहितों को पवित्र पुरोहिताभिषेक
संस्कार सम्पन्न किये जाते समय मिली कृपा पर भरोसा करते हुए तत्परता और संवेदनशीलता के
साथ प्रवेश करने के लिए आमंत्रित किया जाता है। लोस एंजिल्स के महाधर्माध्यक्ष होसे
गोमेज ने अमरीका में कार्यरत हिसपैनिक पुरोहितों के वार्षिक सम्मेलन को सम्बोधित करने
के लिए कार्डिनल पियाचेंसा को आमंत्रित किया था। कार्डिनल पियाचेंसा ने अपने सम्बोधन
में 21 वीं सदी के पुरोहित का प्रोफाइल या रेखाचित्र प्रस्तुत करते हुए कहा पुरोहित अन्यों
से भिन्न हैं और लोग भी आशा करते हैं कि वे अन्यों के समान नहीं हैं। यह सही है कि पुरोहित
लोगों के साधारण जीवन में प्रवेश करें लेकिन उन्हें समाज के समझौतावादी और लोकप्रियतावादी
दबावों के सामने नहीं झुकना चाहिए। कार्डिनल पियाचेंसा ने कहा कि एक पुरोहित लोगों
की सेवा करते समय कम अवधि में भी गहन उदारता से भरा अपना जीवन देने से नहीं हिचकाता है
या फिर दैनिक जीवन के दीर्घकालीन सेवा कार्य जहाँ लोगों की विनम्र सेवा में क्रमिक प्रगति
के साथ मनुष्य की महानता की रक्षा और प्रशिक्षण तथा हर विश्वासी के मसीही विकास में वह
अपना योगदान देता है। उन्होंने कहा कि एक पुरोहित को एक ही समय में छोटा और महान
बनना चाहिए, आत्मा में राजा के सदृश कुलीन तथा किसान के समान सरल और स्वाभाविक। वह स्वयं
पर विजय पानेवाला हीरो, कमजोर और छोटों का सेवक, ताकतवरों के सामने अपनी अस्मिता बनाये
रखनेवाला, निर्धनों और छोटों के सामने झुककर सेवा करनेवाला तथा प्रभु का शिष्य और अपनी
रेवड़ का शीर्ष हो।