पाकिस्तान, एबटाबादः दस वर्षीय बच्ची पर लगे ईश निन्दा आरोप से धर्माध्यक्ष रुफिन दुखी
पाकिस्तान, एबटाबाद, 28 सितम्बर सन् 2011 (एशियान्यूज़): पाकिस्तान के एबटाबाद नगर में
एक दस वर्षीय ख्रीस्तीय बच्ची पर ईश निन्दा का आरोप लगाये जाने के बाद इस्लामाबाद-रावलपिण्डी
के काथलिक धर्माध्यक्ष एन्थोनी रुफिन ने कहा है कि पाकिस्तानी समाज अधिकाधिक असहिष्णु
बनता जा रहा है।
22 सितम्बर को, एबटाबाद के कॉलोनी हाई स्कूल हवेलियाँ में परीक्षा
के दौरान दस वर्षीय फरयाल भट्टी ने, भूल से, एक शब्द की अक्षरी ग़लत कर दी थी जिससे
हज़रत मुहम्मद की स्तुति में कहा गया शब्द अभिशाप में बदल गया था। स्कूल टीचर ने बच्ची
को डाँटा, धमकाया और बाद में उसकी शिकायत स्कूल प्रशासन से कर दी जिसके बाद इस्लामी रूढिवादियों
को घटना का पता चल गया और उन्होंने बच्ची पर ईश निन्दा का आरोप लगाकर उसे स्कूल से तथा
उसकी माँ को कॉलोनी से निकालने का फ़ैसला सुनाया है।
कई मध्यममार्गी मुसलमान
नेताओं ने इसे भूल करार देकर बच्ची को माफ़ कर देने की बात कही थी किन्तु रूढ़िवादी इस्लामी
नेता अपनी बात पर अटल हैं और बच्ची के साथ उसके परिवार को भी उत्पीड़ित किया जा रहा है।
इस्लामाबाद-रावलपिण्डी के काथलिक धर्माध्यक्ष एन्थोनी रुफिन ने अपनी प्रतिक्रिया
दर्शाते हुए एशिया समाचार से कहा, "मैं घटना की निंदा करता हूँ। अब ईसाई छात्रों और बच्चों
पर भी ईशनिन्दा कानून का आरोप लगाया जा रहा है और उन्हें उत्पीड़ित किया जा रहा है। समाज
इतना अधिक असहिष्णु हो गया है कि एक छोटी सी ग़लती की तरफ़ सबका ध्यान आकर्षित किया जाता
है। उलेमाओं ने उस बच्ची को दण्डित करने की बात कही है जिसे पता तक नहीं कि उसकी ग़लती
क्या थी। यदि यह इतनी भयानक ग़लती थी तो बच्ची को ग़लती समझाई जानी थी और इस प्रकार उसका
विश्वास जीता जाना था जिससे अन्तरधर्म सम्वाद को प्रोत्साहन मिलता किन्तु जो कुछ हुआ
वह सब इसके बिल्कुल विपरीत था।"